जैसलमेर में BSF को मृत मिला पाकिस्तान से आया प्रशिक्षित बाज, पंख और पंजों में लगा था ऐंटिना

हालांकि सुरक्षा एजेंसियां मृत अवस्था में बरामद किए गए बाज की जांच कर रही है.वही अब इस वाज के शव को वन विभाग को सौंपा जाएगा.तत्पश्चात बाज का पोस्टमार्टम होगा.पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद ही खुलासा हो पाएगा कि इस बाज की मौत का क्या कारण रहे और इसके पंखों में लगे जीपीएस और पंजो में लगी रिंग का पाकिस्तान से क्या संबंध है.

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प्रतीकात्मक फोटो

Jaisalmer News: देश के पश्चिमी छोर पर बसे जैसलमेर से लगती भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर शाहगढ़ क्षेत्र में सीमा सुरक्षा बल के जवानों को एक शिकारी बाज मृत अवस्था में मिला है. बताया जा रहा है कि यह बाज पाकिस्तान की सीमा से उड़ कर भारत की सीमा में प्रवेश कर गया. यह बाज संदिग्ध एक प्रशिक्षित शिकारी बाज है,जिसका उपयोग अरब देशों के राजपरिवार के युवराज शिकार के लिए उनका उपयोग करते है.

यह बाज भारतीय सीमा में तारबंदी में फंसा गया और सीमा सुरक्षा बल के जवानों को मृत अवस्था में मिला, यह बाज ट्रेन्ड शिकारी बाज है.अब तक मिली जानकारी के अनुसार जैसलमेर से लगती सीमा पर मृत अवस्था में मिला,यह बाज कोई आम बाज नहीं है.यह शिएकरी बाज हाई लेवल प्रशिक्षित प्राप्त संदिग्ध पाकिस्तानी बाज है. सीमा सुरक्षा बल 173वीं बटालियन के अलर्ट जवानों ने पेट्रोलिंग के दौरान इस बाज को बरामद किया था.

हाई लेवल प्रशिक्षण प्राप्त संदिग्ध पाकिस्तानी बाज के पंख व पंजो में संदिग्ध रिंग व एक एंटीना भी मिला है. बताया जा रहा है कि बाज के पंखों में लगा एंटीना जीपीएस का एंटीना है.वहीं इसके पैरों में लगी रिंग प्रशिक्षण के दौरान दिए गए नंबर हो सकते हैं.

हालांकि सुरक्षा एजेंसियां मृत अवस्था में बरामद किए गए बाज की जांच कर रही है.वही अब इस वाज के शव को वन विभाग को सौंपा जाएगा.तत्पश्चात बाज का पोस्टमार्टम होगा.पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद ही खुलासा हो पाएगा कि इस बाज की मौत का क्या कारण रहे और इसके पंखों में लगे जीपीएस और पंजो में लगी रिंग का पाकिस्तान से क्या संबंध है.

गौरतलब है कि अरब के शेख शिकार में करते हैं इस्तेमाल गौरतलब है कि अरब के राजपरिवार के शहजादे हर साल शिकार करने पाकिस्तान आते हैं, भारत-पाक बॉर्डर के पास वे कई पक्षियों का शिकार करते हैं.अरब के शेख अपने साथ दर्जनों ट्रेड शिकारी बाज लेकर आते हैं. कभी-कभार ये रास्ता भटक कर राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में आ जाते हैं.बताया जाता है कि पाकिस्तानी सरकार इन्हें शिकार के लिए परमिट जारी करती है. इसके बदले में इनसे मोटी धनराशि वसूल करती है और यह उनका ट्रेंड बाज है.

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