भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ के जवानों ने किया शस्त्र पूजन, तोपखाना रेजिमेंट ने दुश्मन को दिया कड़ा संदेश

Dasshera 2024: विजयदशमी के मौके पर तीनों सेनाओं और पैरामिलिट्री फोर्स के बटालियन परिसर में कार्यक्रम आयोजित कर शस्त्रों की पूजा की जाती है. इसी के चलते जैसलमेर की सम रोड स्थित सीमा सुरक्षा बल की 1022 तोपखाना रेजिमेंट के परिसर में शस्त्र पूजन हुआ.

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Vijayadashami: विजयादशमी के मौके पर भारत-पाक सीमा में BSF ने शस्त्र पूजन किया. बीएसएफ की 1022 तोपखाना रेजिमेंट ने पूजन किया. विधि-विधान के साथ शस्त्र पूजन कर दुश्मन को एक कड़ा संदेश भी दिया गया. संदेश साफ था कि अगर भारत मां की ओर कोई नापाक हरकत करने की हिमाकत करेगा तो यह तोपखाना रेजिमेंट उन्हे पलक झपकते ही निस्तनाबूत कर देगी. बता दें कि विजयदशमी (Vijayadashami) के दिन तीनों सेनाओं और पैरामिलिट्री फोर्स के बटालियन परिसर में कार्यक्रम आयोजित कर शस्त्रों की पूजा की जाती है. इसी के चलते जैसलमेर की सम रोड स्थित सीमा सुरक्षा बल की 1022 तोपखाना रेजिमेंट के परिसर में शस्त्र पूजन हुआ.

युद्ध में गॉड ऑफ वॉर के रूप में जाना जाता है तोपखाना 

कमांडेंट जेके सिंह ने NDTV से खास बातचीत में कहा कि अस्त्र-शस्त्रों को सामने रखकर पूजा करने की परंपरा रामायण और महाभारत काल से चली आ रही है. हमारी सीमा सुरक्षा बल आज भी इस परंपरा को निभाती है और हर साल विजयादशमी के दिन अस्त्र-शस्त्र की पूजा की जाती है. इस पूजा में सबसे पहले मां दुर्गा की दोनों योगनियां जया और विजया की पूजा होती है और फिर शस्त्रों को पूजा जाता है. उन्होंने कहा कि बीएसएफ का हर जवान अपने हथियार को गॉड ऑफ वॉर मानकर उसकी देखभाल और पूजन करता है. ताकि युद्ध के समय बीएसएफ का जवान इस हथियार की मदद से ही दुश्मन पर विजय प्राप्त कर सकें.   

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विधि-विधान से हुआ शस्त्र पूजन

1022 बीएसएफ तोपखाना रेजिमेंट के कमांडेंट जेके सिंह नेअस्त्र-शस्त्रों को सामने रखकर पूजा करने की. वहीं, पूजा के बाद शस्त्रों को इकठ्ठा किया और फिर गंगाजल छिड़का जाता है. इसके बाद सभी शस्त्रों को हल्दी व कुमकुम का तिलक लगाकर फूल अर्पित किए गए. सीमा सुरक्षा बल के सेक्टर और बटालियनों में स्थापित मंदिरों में पारंपरिक रूप से काम आने वाले शस्त्रों का मंत्रोच्चारण के साथ पूजन करवाया गया. इस दौरान बल के आला अधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में जवान भी मौजूद रहे. 

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