जैसलमेर में BSF की 52वीं अंतर सीमांत सपोर्ट वेपन शूटिंग प्रतियोगिता का शुभारंभ

सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर राजस्थान के जैसलमेर में अपनी 52वीं अंतर सीमांत सपोर्ट वेपन शूटिंग प्रतियोगिता आयोजित की. 11 फ्रंटियर के 800 से अधिक BSF जवानों ने प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसका उद्देश्य उनकी शूटिंग कौशल में सुधार करना और उन्हें विभिन्न हथियारों के उपयोग में प्रशिक्षण देना था.

विज्ञापन
Read Time: 12 mins
वेपन शूटिंग प्रतियोगिता का दृश्य

भारत-पाकिस्तान सीमा पर जैसलमेर के किशनगढ़ में सीमा सुरक्षा बल (BSF) की 52वीं अंतर सीमांत सपोर्ट वेपन शूटिंग प्रतियोगिता का सोमवार को शुभारंभ हुआ. इस चार दिवसीय प्रतियोगिता में BSF के 11 फ्रंटियर के 800 से अधिक जवान भाग ले रहे हैं. प्रतियोगिता में 81 एमएम मोटार्र और 7.62 एमएम एमएमजी गनों से शूटिंग की जा रही है.

प्रतियोगिता के शुभारंभ पर BSF के उप महानिरीक्षक (DIG) योगेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि हथियार BSF के जवानों के शरीर का एक हिस्सा होता है. उन्होंने कहा कि जवानों की दक्षता ही उनकी पहचान होती है. उन्होंने कहा, "BSF के जवान सीमा की सुरक्षा के लिए हर समय तैयार रहते हैं. इस प्रतियोगिता के माध्यम से जवानों को अपनी शूटिंग कौशल में सुधार करने का मौका मिलेगा."

गौरतलब है प्रतियोगिता के पहले दिन जवानों ने अपने सटीक निशानों का शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने काल्पनिक दुश्मन को कुछ ही क्षणों में नेस्तनाबूत कर दिया. प्रतियोगिता के समापन पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले सीमांत को सम्मानित किया जाएगा.

प्रतियोगिता का महत्व

भारत-पाकिस्तान सीमा पर सुरक्षा की दृष्टि से BSF की भूमिका महत्वपूर्ण है. प्रतियोगिता के माध्यम से BSF अपने जवानों को बेहतर प्रशिक्षण देकर सीमा की सुरक्षा को और मजबूत कर रही है. इसके अलावा, प्रतियोगिता के माध्यम से BSF अपने जवानों के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा दे रही है. इससे जवानों का मनोबल बढ़ता है और वे सीमा की रक्षा के लिए और अधिक उत्साह के साथ काम करते हैं.

Advertisement

प्रतियोगिता की विशेषताएं

इस प्रतियोगिता में विभिन्न प्रकार के हथियारों का उपयोग किया जा रहा है. 81 एमएम मोटार्र की मारक क्षमता 5200 मीटर है और यह गन पूरे कैंप को बर्बाद करने की क्षमता रखती है. 7.62 एमएम एमएमजी गन भी एक शक्तिशाली हथियार है, जिसका उपयोग दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किया जाता है.

प्रतियोगिता में जवानों को विभिन्न परिस्थितियों में शूटिंग का अभ्यास करने का मौका मिलता है. उन्हें दिन में, रात में और सभी मौसम में शूटिंग करना पड़ता है. इससे उन्हें युद्ध के मैदान में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलती है.

Advertisement

प्रतियोगिता का संदेश

इस प्रतियोगिता के माध्यम से BSF अपने जवानों को यह संदेश देना चाहती है कि वे किसी भी परिस्थिति में सीमा की रक्षा करने के लिए तैयार रहें. BSF का यह भी संदेश है कि वह देश की सुरक्षा के लिए कोई समझौता नहीं करेगी.

ये भी पढ़ें- 'नमस्कार! मैं अशोक गहलोत बोल रहा हूं...', कांग्रेस कार्यकताओं के फोन पर आया ऑडियो मैसेज

Topics mentioned in this article