100 करोड़ की जमीन पर चला बुलडोजर... बेघर हो गए 50 से ज्यादा परिवार, पूरी जिंदगी जी ली अब घर बना मैदान

यूडीए ने 8 बुलडोजर चलाकर एक के बाद एक 50 से ज्यादा घरों को तोड़ा था. आज सभी बेघर हुए परिवार सदस्य भाजपा कार्यालय पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया.

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Udaipur Bulldozer Action: राजस्थान के उदयपुर में उदयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा करोड़ों रुपए की जमीन पर हुई अतिक्रमण की कार्रवाई के बाद शहर में बवाल मचा हुआ है. राजनीतिक आरोप लग रहे हैं तो वहीं जिनके आशियाने टूटे हैं वह परिवार दर दर भटक रहे हैं. गुरुवार दोपहर से देर शाम तक यूडीए ने कार्रवाई कर 50 से ज्यादा निर्माणाधीन मकान, बाउंड्री वाल और कोटड़ियां को तोड़ दिया. लोगों ने मजदूरी, घर-घर काम कर जो राशि जमा की थी वह घर बनाने में लगा दी और अब वहां जमीन बची है. इधर आज कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी भी कार्रवाई स्थल पहुंचे और लोगों से बात की. साथ ही भाजपा पर आरोप लगाने के साथ यूडीए की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए. मामले यूडीए कमिश्नर राहुल जैसे से कई बार संपर्क किए लेकिन उनका जवाब नहीं आया.

जनप्रतिनिधियों ने पट्टा का किया था वादा

दरअसल, उदयपुर के बालीचा बाय पास किनारे दो लाख स्क्वायर फिट बिला नाम की जमीन पर अतिक्रमण कार्रवाई की गई थी. इस जमीन को बाजार कीमत 100 करोड़ रुपए से ज्यादा है. यूडीए ने 8 बुलडोजर चलाकर एक के बाद एक 50 से ज्यादा घरों को तोड़ा था. आज सभी बेघर हुए परिवार सदस्य भाजपा कार्यालय पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया. लोगों ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि पिता और दादा के समय से यहां रह रहे हैं. जनप्रतिनिधियों ने हमे पट्टा देने का वादा किया था, बिजली का बिल आता है, आधार कार्ड में पता भी यहीं का है. इसके बावजूद यूडीए की टीम आई और बिना कुछ नोटिस दिए बुलडोजर चला दिया.

कांग्रेस का सवाल UDH की जमीन पर जलदाय की टंकी किसने बनाई

इधर, कार्रवाई स्थल पर कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी भी पहुंचे. कांग्रेस जिलाध्यक्ष फतह सिंह राठौड़ ने कहा कि इस प्रकरण भाजपा नेता और अधिकारियों का नाम सामने आ रहा है. अगर यह यूडीए की जमीन है तो उस पर जलदाय विभाग की पानी की टंकी कैसे बनी, किसने एनओसी दी, बिजली के पोल किसने लगाए, कनेक्शन कैसे बांटे गए. संबंधित लोगों और अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. 

अतिक्रमण की कार्रवाई के बाद उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा भी पहुंचे. अतिक्रमण की कार्रवाई स्थल उदयपुर ग्रामीण विधानसभा अंतर्गत ही है. फूल सिंह मीणा का एक वीडियो सामने आया जिसमें लोगों से कहते हुए नजर आ रहे हैं कि वर्ष 2023 के पहले बने मकानों को नहीं तोड़ जाएगा.

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