बूंदी जिला अस्पताल में ठेके पर लगे कर्मियों का धरना, नारेबाजी करते हुए सरकार को दी यह चेतावनी

पिछले एक सप्ताह से बूंदी अस्पताल में लगातार बड़ी संख्या में कर्मचारी काली पट्टी बांधकर दो घंटे तक प्रदर्शन कर रहे हैं. आज कर्मचारियों ने विरोध में हड़ताल कर दी है.

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bundi:

राजस्थान में चुनाव से पहले बूंदी जिले से एक बार फिर ठेका प्रथा खत्म करने की मांग उठी है. दरअसल राज्य सरकार ने 1 साल पूर्व ठेका कर्मियों को सरकारी प्लेसमेंट एजेंसी बनाकर संविदा नियम में शामिल करने का आश्वासन दिया था. लेकिन 1 वर्ष बाद भी इस नियम का क्रियान्वयन नहीं होने पर ठेका प्रथा के तहत लगे कर्मचारियों में आक्रोश है. ऐसे में कर्मचारियों ने बूंदी कलक्ट्रेट पर हड़ताल के साथ धरना दिया. धरने पर जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. उधर हड़ताल के चलते जाँच काउंटर से लेकर सोनोग्राफी सेंटर बंद पड़े हैं. मरीजों को कई सारी समस्याओं का सामना करना पद रहा है. मरीज और तीमारदार इधर-उधर भटकते हुए दिखाई दिए.

दरअसल जिला अस्पताल में 100 से अधिक कर्मचारी ठेका प्रथा के तहत लगे हुए कर्मियों को कमीशन काटकर सैलरी दी जाती है.सभी कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार हमारी मांगें नहीं मांगी गई तो हम आंदोलन जारी रखेंगे. 

मानदेय कर्मचारी संघ एकीकृत जिला अध्यक्ष अमित गौतम ने बताया कि राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत प्रदेश महामंत्री अनीस अहमद के नेतृत्व में चिकित्सा विभाग के प्लेसमेंट कर्मचारियों ने हड़ताल की है. राजस्थान सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में प्लेसमेंट से लगे कर्मचारी, लैब टेक्नीशियन,  प्रयोगशाला सहायक, हेल्पर, ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेटर, इलेक्ट्रीशियन, गार्ड, वार्ड बॉय, वार्ड लेडी, एंबुलेंस ड्राइवर, प्लंबर, फार्मासिस्ट, रेडियोग्राफर और काउंसलर, समस्त प्लेसमेंट कर्मचारियों विगत कई वर्षों से बूंदी सामान्य चिकित्सालय में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं.

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कोरोना काल में भी इन सभी कर्मचारियों ने बिना अपनी जान की परवाह किया बगैर राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार कार्य किया. यह सभी कर्मचारी बहुत ही अल्प वेतन पर कार्यरत है. राजस्थान सरकार द्वारा संविदा प्लेसमेंट कर्मचारियों को बजट घोषणा पत्र में नियमितीकरण का वादा किया था जो कि अभी तक भी अमल में नहीं लाया गया है.

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हम चिकित्सा विभाग में पिछले 10 से 15 वर्षों से अस्पताल में ठेका प्रथा के माध्यम से कार्यरत है. हमारे द्वारा कई बार सरकार को ज्ञापन द्वारा अवगत कराया गया लेकिन समाधान नहीं हुआ.

जिससे इन सभी प्लेसमेंट कर्मचारियों में रोष व्याप्त है. वैसे सरकार सभी वर्गों के कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील रही है, तो हमारे प्रति भी सहानुभूति व्यवहार अमल में लाते हुए हमें संविदा रुल 2022 में शामिल किया जाए.

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प्रदेश महामंत्री अनीश अहमद ने बताया कि राजस्थान सरकार ने बजट घोषणा पत्र में प्लेसमेंट कर्मचारियों एवं यशोदा कर्मचारी (चिकित्सा एवं शिक्षा) के लिए आर एल एस डी सी सरकारी कंपनी में अडॉप्ट करने का वादा किया था लेकिन आज दिन तक धरातल पर इसका कोई भी कार्य नहीं हुआ है. और ना ही किसी संविदा ,प्लेसमेंट, यशोदा कर्मचारियों का नियमितीकरण हुआ है.

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