Bundi Govt School Plaster Fell: राजस्थान में सरकारी काम में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में एक बड़ी कार्रवाई की गई है. बूंदी जिले में स्कूल की मरम्मत के मात्र एक साल बाद छत का प्लास्टर गिर गया था. इस हादसे में 5 छात्र घायल हो गए थे. इस मामले में जूनियर इंजीनियर और ग्राम विकास अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही सरपंच सहित 3 अन्य को नोटिस जारी किया गया है.
एनडीटीवी ने भ्रष्टाचार की खबर को किया था उजागर
दरअसल बूंदी में स्कूल की छत गिरने के मामले में भ्रष्टाचार की खबर को एनडीटीवी ने उजागर किया था. जिस पर बूंदी जिला प्रशासन ओर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि वर्मा ने एक्शन लेते हुए कनिष्ठ अभियंता मंदराज नागर और ग्राम विकास अधिकारी राम प्रकाश को सस्पेंड कर दिया है.
शिक्षा विभाग की एक कमेटी भी कर रही जांच
वहीं कार्यकारी एजेंसी रही तत्कालीन सरपंच रेशमा सहित 2 अन्य को भी नोटिस थमाया है. विभाग अधिकारी लगातार जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद और भी कार्रवाई सामने आएगी. शिक्षा विभाग ने भी एक अलग से कमेटी का गठन किया है.
नैनवा क्षेत्र में स्कूल की छत का प्लास्टर गिरने से 5 छात्र हुए थे जख्मी
वहीं पूरे मामले की जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने भी एक कमेटी बनाई है. गौरतलब है कि मंगलवार को नैनवा क्षेत्र के फटुकड़ा प्राथमिक विद्यालय की छत गिरने से 5 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे जिनका अस्पताल में इलाज जारी है.
जिला परिषद सीईओ ने मंगवाई रिपोर्ट
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि वर्मा ने बताया कि बूंदी जिले के नैनवा क्षेत्र में स्थित फंटूकड़ा गांव में राजकीय प्राथमिक विद्यालय में छत का प्लास्टर गिरने से घायल हुए छात्रों के प्रकरण सामने आया था. घटना का प्रसंज्ञान लेते हुए विकास अधिकारी नैनवा से रिपोर्ट मंगवायी गई.
जूनियर इंजीनियर और ग्राम विकास अधिकारी को किया सस्पेंड
प्राप्त रिपोर्ट अनुसार प्रथम दृष्ट्या दोषी पाए जाने पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा कनिष्ठ अभियंता मन्दराज नागर और ग्राम विकास अधिकारी राम प्रकाश नागर को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. निलंबन के दौरान दोनों अधिकारियों का मुख्यालय ज़िला परिषद बूंदी रखा गया है.
सरपंच सहित इन दो लोगों को नोटिस
प्रकरण में तत्कालीन सरपंच रेशम बाई मीणा, सहायक अभियंता मुकेश नगर तथा कनिष्ठ तकनीकी सहायक रामराज मीणा को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए है. विकास अधिकारी को प्रकरण की विस्तृत जाँच करने के आदेश भी दिए गए है.
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