Bundi talwas fire incident: बूंदी जिले के तलवास गुरुकुल में 2 अक्टूबर को हुए अग्निकांड में दो बच्चों की रहस्यमयी मौत की गुत्थी अभी तक सुलझ नहीं पाई है. 45 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस जांच अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. जिससे परिजनों में रोष बढ़ता जा रहा है. परिजनों ने मामले को लेकर गुरुकुल प्रशासन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने पर रोष जताया है.
गुरुकुल संचालक फूंका पुतला
इसके साथ ही तलवास क्षेत्र में संचालित वैदिक गुरुकुल के सामने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. इस दौरान परिजनों ने गांव में जुलूस निकाला और गुरुकुल संचालक का पुतला फूंका. मामला हाथ से निकलता देख नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे, जहां परिजनों ने उन्हें कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा. इसके अलावा परिजन धरना स्थल से संचालक का पुतला लेकर नारेबाजी करते हुए मुख्य बाजार पहुंचे, जहां पुतला दहन किया गया. इससे पहले नायब तहसीलदार कैलाश नारायण मीणा ने धरने पर बैठे परिजनों से समझाइश की.
आत्मदाह करने की दी चेतवनी
मामले को लेकर परिजन लोकेश शर्मा ने बताया कि जांच अधिकारी ने सात दिन में मामले का समाधान करने का आश्वासन दिया है. तब तक हम धरने पर बैठे रहेंगे. साथ ही सात दिन में मामले का समाधान नहीं होने पर बूंदी कलेक्ट्रेट के सामने आत्मदाह की चेतावनी दी है.लोकेश ने बताया कि वैदिक गुरुकुल में केमिकल से लगी आग से दो मासूम बच्चों की मौत हो गई. इनमें से एक बच्चे का अभी भी इलाज चल रहा है. परिजनों ने बताया कि इस मामले में गुरुकुल स्टाफ सहयोग नहीं कर रहा है. उन्हें स्टाफ की साजिश पर शक है कि गुरुकुल आचार्य ने झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई है. इसको लेकर परिजनों में रोष है.
7 दिन में जांच रिपोर्ट सौंपने का आश्वासन
वहीं अब पूरे मामले पर नायब तहसीलदार कैलाश नारायण ने परिजनों को 7 दिन में जांच रिपोर्ट सौंपने का आश्वासन दिया है और कहा है कि पुलिस के जरिए 7 दिन में मामले का खुलासा कर दिया जाएगा. अगर तलवास गुरुकुल प्रबंधन की ओर से कोई गलती हुई है तो उनके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.
तलवास गुरुकुल की क्या है घटना
1 अक्टूबर को बूंदी के तलवास गुरुकुल में आग से तीन बच्चे झुलस गए थे. जिनकी उम्र 12 से 13 साल की थी. तीनो छात्रों में से दो बच्चे बूंदी और एक बारा का रहने वाला था. पुलिस को गुरुकुल प्रबंधन के जरिए दी जानकारी के अनुसार 1 अक्टूबर को गुरुकुल के आचार्य सुरेश शर्मा ने 14 बच्चों की क्लास ली थी. इसके बाद 10 बच्चे हॉल और 4 बच्चे उसके बाहर सो गए. जहां 4 छात्र सोए वहां एक टेबल फैन और कूलर चल रहा था.
सुबह 5 बजे अचानक टेबल फैन में शॉर्ट सर्किट होने लगा. इसी बीच टेबल फैन से हुए शार्ट सर्किट से निकली आग की चिंगारी पलंग के गद्दे पर गिरी और उसमें आग लग गई. इससे गद्दों पर गहरी नींद में सोए हुए बच्चे आग की चपेट में आ गए. बच्चों की चिल्लाने की आवाज सुनकर गुरुकुल में मौजूद अन्य स्टाफ दौड़कर पहुंचे, और बच्चों को आग से बाहर निकाला. मगर तब तक तीन बच्चे झुलस गए थे. जिन्हें नैनवां अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां से प्राथमिक उपचार के बाद तीनों को बूंदी रैफर कर दिया गया. जिनमें से 2 बच्चों की मौत हो गई और तीसरे बच्चे का इलाज जारी है.
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