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GRAP 4 Rajasthan: भजनलाल सरकार का बड़ा फैसला, प्रदूषण कम करने के लिए राजस्थान की 3000 माइंस-इंडस्ट्रीज बंद

GRAP 4 Restrictions: हवा में फैले प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली-NCR में ग्रैप-4 लागू किया गया है. राजस्थान का भरतपुर और अलवर भी एनसीआर का पार्ट है. इस कारण इन दोनों जिलों में पॉल्यूशन कम करने के लिए माइंस और इंडस्ट्रीज को बंद कर दिया गया है. साथ ही निर्माण कार्य पर भी रोक लगा दी गई है.

GRAP 4 Rajasthan: भजनलाल सरकार का बड़ा फैसला, प्रदूषण कम करने के लिए राजस्थान की 3000 माइंस-इंडस्ट्रीज बंद
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा.

Rajasthan News: नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) में आने वाले राजस्थान के अलवर और भरतपुर जिले में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चौथे चरण (GRAP 4) की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं. राजस्थान पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने मंगलवार सुबह आदेश जारी करते हुए इन दो शहरों में 3000 माइंस और इंडस्ट्रीज को बंद कर दिया है. साथ ही इन इलाकों में चल रहे निर्माण कार्य पर भी रोक लगा दी है. इन पाबंदियों का असर यातायात पर भी पड़ने वाला है, क्योंकि ग्रैप-4 लागू होने के कारण भारी वाहन अब अलवर और भरतपुर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे. हालांकि, आवश्यक सामग्री की आपूर्ति वाले वाहन इस नियम के दायरे से बाहर रहेंगे.

200 के ऊपर पहुंचा AQI

मंगलवार सुबह अलवर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 233 दर्ज किया गया है. वहीं भरतपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 267 पर रिकॉर्ड हुआ है. AQI लेवल अगर 0-50 के बीच होता है तो उसे 'अच्छा' माना जाता है. अगर AQI लेवल 51-100 के बीच होता है तो उसे 'ठीक-ठाक' माना जाता है. AQI अगर 101-200 के बीच होता है तो उसे 'मध्यम' माना जाता है. इस दौरान अस्थमा और हार्ट पेशेंट को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. वहीं AQI लेवल अगर 201-300 के बीच है तो उसे    'खराब' माना जाता है. इस हवा के संपर्क में लंबे समय तक रहने पर ज्यादातर लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. AQI लेवल अगर 301-400 के बीच होता है तो उसे 'गंभीर' माना जाता है. लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने पर सांस संबंधी बीमारी हो सकती है.

ग्रैप 4 क्या है?

देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में प्रदूषण कम करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान तैयार किया गया है. इस प्लान के 4 लेवल होते हैं. जब AQI 201 से 300 से बीच होता है तब ग्रेप-1 लागू होता है. इस दौरान धूल को नियंत्रित करने और खुले में कुछ भी जलाने पर प्रतिबंध जैसे उपाय किए जाते है. वहीं जब AQI 301 से 400 तक पहुंचने पर ग्रेप-2 लागू किया जाता है. इसमें सड़कों पर पानी का छिड़काव कराया जाता है. साथ ही डीजल जनरेटर चलाने पर प्रतिबंद लगा दिया जाता है. जब AQI 401 से 500 के बीच पहुंच जाता है, तब ग्रैप-3 लागू किया जाता है. इस दौरान निर्माण कार्य पर पूरी तरह से प्रतिबंध होता है. खनन जैसे कार्य रोक दिए जाते है. बीएस3 गाड़ियों की एंट्री बंद हो जाती है. स्कूल क्लास ऑनलाइन कर दी जाती हैं. वहीं, AQI लेवल 500 से ऊपर पहुंचने पर ग्रैप-4 लागू होता है. इसमें 10वीं और 12वीं के अलावा सभी क्लासेस ऑनलाइन कर दी जाती हैं. सरकारी व प्राइवेट ऑफिस में वर्क फ्रॉर्म होम लागू हो जाता है.

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