सावधान! ये कुत्ता नहीं... तेंदुआ है, लोगों की तेंदुए के साथ हरकत देख रह जाएंगे दंग

राजस्थान के बूंदी में फूल सागर झील किनारे एक बीमार तेंदुए के साथ ग्रामीणों ने गलत व्यवहार किया है. जिसमें सेल्फी लेने, पूंछ पकड़ने और रस्सी डालकर घुमाने का वीडियो वायरल हो रहा है. जिस पर वन विभाग कार्रवाई करेगा.

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बूंदी में लोगों ने बीमार तेंदुए को पालतू जानवर की तरह घुमाया और वीडियो बनाया.

Rajasthan News: राजस्थान के बूंदी जिले से वन्यजीव के साथ गलत व्यवहार का मामला सामने आया है. जहां शहर से 5 किलोमीटर दूर रामपुरिया गांव के पास फूल सागर झील के किनारे सोमवार दोपहर एक बीमार तेंदुआ दिखाई दिया. यह तेंदुआ एक देसी बबूल के पेड़ पर सिर झुकाए बैठा था. देखते ही देखते वहां ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई.

तेंदुए को रस्सी डालकर पालतू बनाया

इसके बाद तेंदुए की कमजोर हालत देखकर कुछ लोगों ने उसकी देखभाल की और पानी पिलाने की कोशिश की. लेकिन कुछ युवकों ने हद पार कर दी. उन्होंने तेंदुए के साथ सेल्फी ली, उसकी पूंछ पकड़ी, धक्का-मुक्की की और उसे छूने की कोशिश की. इतना ही नहीं, कुछ लोगों ने तेंदुए के गले में रस्सी डालकर उसे पालतू जानवर की तरह गांव में घुमाया. यह सब वीडियो और तस्वीरों में कैद हो गया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

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बीमार तेंदुए के साथ लोगों ने सेल्फ़ी भी ली है.

तेंदुए की हालत गंभीर, कोटा में इलाज

रामगढ़ अभयारण्य के रेंजर सुमित कनोजिया ने बताया कि तेंदुआ मादा है और करीब 2 से ढाई साल का है. इसके शरीर पर बाहर से कोई चोट नहीं दिखी, लेकिन ऐसा लगता है कि सांप के काटने या किसी जंगली जानवर का मांस खाने से यह बीमार हुआ है. बूंदी में इलाज की सुविधा न होने के कारण तेंदुए को कोटा चिड़ियाघर भेजा गया है. वहां प्राथमिक उपचार के बाद तेंदुआ अब हरकत करने लगा है और जल्द ठीक होने की उम्मीद है.

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वायरल वीडियो पर विभाग करेगा कार्रवाई

वायरल वीडियो के बाद वन विभाग ने सख्त रुख अपनाया है. रेंजर सुमित कनोजिया ने कहा कि वीडियो और तस्वीरों की जांच शुरू कर दी गई है. जिन लोगों ने तेंदुए के साथ अभद्रता की, उनकी पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. विभाग ने तेंदुए को सुरक्षित कोटा चिड़ियाघर पहुंचा दिया है. यह घटना रामगढ़ अभयारण्य के पास हुई, जो बूंदी शहर से सटा है. यहां तेंदुओं का आना-जाना आम है. आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 2-3 सालों में बूंदी में तेंदुओं की संख्या 150 से ज्यादा हो गई है.

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रामगढ़ अभयारण्य और वन्यजीवों का खतरा

रामगढ़ विशधारी अभयारण्य को 2021 में टाइगर सैंक्चुअरी का दर्जा मिला था. यहां 7 बाघ हैं, जिनमें से एक बाघिन कनकटी हाल ही में रणथंभौर से लाई गई है. इस बाघिन ने अप्रैल में एक 7 साल के बच्चे और मई में एक रेंजर पर हमला किया था. रामपुरिया गांव अभयारण्य के पास है और इसे अभी तक विस्थापित नहीं किया गया है. फूल सागर झील के पास लोगों का आना-जाना वन्यजीवों के लिए खतरा बना हुआ है. इस घटना ने वन्यजीवों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं.

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