न एडमिशन, न आय प्रमाण पत्र... फिर भी बांट दी स्कॉलरशिप; राजस्थान में छात्रवृत्ति में बड़ा घोटाला

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने नवंबर 2007 में पोस्ट मैट्रिक और जनवरी 2008 में प्री मैट्रिक छात्रों के लिए स्कॉलरशिप योजना की शुरुआत की थी. अब कैग की रिपोर्ट में अल्पसंख्यक छात्रों का छात्रवृत्ति देने में कई और बड़ी खामियां सामने आई हैं.

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राजस्थान में छात्रवृत्ति में बड़ा घोटाला

Rajasthan News: राजस्थान में साल 2017 से 2021 तक अल्पसंख्यक छात्रों को प्री मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक लेवल पर दी जाने वाली छात्रवृत्ति (Scholarship) में बड़ा घोटाला सामने आया है. कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान में बिना किसी आय प्रमाण पत्र (Income Certificate) की जांच के ही 1325 छात्रों को छात्रवृत्ति दे दी गई. यहां तक कि जांच में सामने आया कि 374 छात्रों के आय प्रमाण पत्र तो जारी भी नहीं हुए थे. 17 राज्यों की रिपोर्ट में राजस्थान में इस अनियमितता के सर्वाधिक केस मिले हैं. 

CAG रिपोर्ट में कई कमी उजागर

इसके अलावा कैग की रिपोर्ट में कई और बड़ी खामियां भी सामने आई है. दरअसल छात्रवृत्ति के नियमों के मुताबिक, विद्यार्थी को अपनी छात्रवृत्ति लेने के लिए पहले की कक्षा में कम से कम 50% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है, लेकिन राजस्थान में विभाग ने 395 छात्रों को बिना न्यूनतम अंक के ही करीब 11 लाख की छात्रवृत्ति दे दी. जांच में 13 विद्यार्थी ऐसे मिले, जिनकी पारिवारिक आय मानकों से ज्यादा थी. इसके बावजूद विभाग ने उन्हें छात्रवृति दे दी.

कैग की 18 दिसंबर को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, प्री मैट्रिक लेवल पर 998 और पोस्ट मैट्रिक यानी कक्षा 10 के बाद के 327 छात्रों को बिना आय प्रमाण पत्र की जांच के स्कॉलरशिप दे दी गई.

बिना एडमिशन छात्रों ने ली स्कॉलरशिप

यहां तक कि 91 छात्रों ने तो बिना स्कूल में दाखिला लिए ही छात्रवृति (स्कॉलरशिप) ले ली. वहीं, पोस्ट मैट्रिक लेवल के 109 छात्रों को अधिक भुगतान भी कर दिया गया. कैग की रिपोर्ट, इस मामले में गंभीर अनियमितताओं की ओर इशारा करती है. रिपोर्ट के बाद अल्पसंख्यक मंत्रालय ने राज्यों को इस मामले में जांच के निर्देश दिए हैं. अब राज्य सरकारों इस मामले में कार्रवाई कर रही हैं. राज्यों की ओर से दी गई रिपोर्ट के मुताबिक, कई केसों में दोगुनी रिकवरी की जाएगी. यह कार्रवाई शुरू हो गई है. विभाग ऐसे सभी केसों में कार्रवाई कर रहा है. 

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से नवंबर 2007 में पोस्ट मैट्रिक और जनवरी 2008 में प्री मैट्रिक छात्रों के लिए स्कॉलरशिप योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करना है. इस योजना के जरिए ऐसे छात्र उनकी पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं है,उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित करना और उनकी मदद करना योजना का उद्देश्य है. 

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स्कॉलरशिप के लिए क्या है पात्रता

योजना के तहत प्री मैट्रिक लेवल पर वे छात्र जिनकी पारिवारिक आय एक लाख रुपए से कम और पोस्ट मैट्रिक लेवल पर वे छात्र जिनकी पारिवारिक आय 2 लाख रुपए से कम है, इसके लिए पात्र हैं. साथी छात्र को अपनी पिछली कक्षा में 50% न्यूनतम अंक लाना अनिवार्य है. इसके साथ ही छात्रवृत्ति की पात्रता के लिए परिवार में दूसरे काम बच्चे होना अनिवार्य है. यह छात्रवृत्ति 1992 में नोटिफाई की गई अल्पसंख्यक समुदायों के लिए है, जिसमें मुस्लिम, सिख, ईसाई, बुद्ध, जैन और पारसी समुदाय आते हैं.

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