Camel Festival 2025: पूरी दुनिया में मशहूर है राजस्थान का ऊंट महोत्सव, जानें इस बार देसी और विदेशी सैलानियों के लिए क्या होगा खास

राजस्थान का नाम सुनते ही ऊंट की तस्वीर जहन में खुद ही आ जाती है. क्योंकि ऊंट राजस्थान की पहचान है और इसी पहचान को दुनियाभर के सामने प्रसारित करने के लिए यहां हर साल कैमल फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

Bikaner Camel Festival: राजस्थान का एक ऐतिहासिक शहर, अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाता है. हर साल आयोजित होने वाला कैमल फेस्टिवल इस शहर की सांस्कृतिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस बार भी कैमल फेस्टिवल का आयोजन धूमधाम से किया जा रहा है, जिसका आगाज नगर सेठ लक्ष्मीनाथ मंदिर से शुरू होने वाली हैरिटेज वॉक से होगा. हैरिटेज वॉक की शुरुआत नगर सेठ लक्ष्मीनाथ मंदिर से होगी और यह रामपुरिया हवेली पर जाकर खत्म होगी.

इस वॉक का मुख्य उद्देश्य बीकानेर की ऐतिहासिक इमारतों और उनकी वास्तुकला की भव्यता को दर्शाना है. इन इमारतों में बीकानेर के समृद्ध इतिहास की झलक मिलती है, जो पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनती हैं.

3 दिन तक आयोजित होंगे कई कार्यक्रम

10 जनवरी को इस फेस्टिवल का आगाज होगा. इस दौरान 3 दिनों तक विभिन्न रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इन कार्यक्रमों में ऊंटों की रेस, पारंपरिक लोक नृत्य, संगीत और स्थानीय हस्तशिल्प की प्रदर्शनी शामिल है. ये सभी कार्यक्रम न केवल स्थानीय लोगों के लिए मनोरंजन का साधन हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति के प्रति अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की जिज्ञासा को भी बढ़ाते हैं.

सैलानियों ने अपने भारत को अपने देश से भी अच्छा बताया

इस फेस्टिवल की खासियत यह है कि हर साल बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी इसमें शिरकत करने आते हैं. इस बार भी फेस्टिवल में भाग लेने के लिए विदेशी पर्यटकों का आना शुरू हो गया है. कई विदेशी सैलानियों ने भारत को अपने देश से बेहतर बताया है, जो कि भारतीय संस्कृति की समृद्धि और विविधता को दर्शाता है.

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यह फेस्टिवल बीकानेर की अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पर्यटन को बढ़ावा देता है और स्थानीय व्यापारियों को अपनी कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है.

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