जालौर में दूसरी बार टूटी नहर, जीरे की फसल हुई बर्बाद, अधिकारियों ने नहीं दिखाई सक्रियता  

सांचौर में नर्मदा नहर का बांध टूटी 6 घंटे तक लगातार पानी बहता रहा. 20 हेक्टेयर में जीरा की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई. 2 महीनों के अंदर दूसरी बार यह हादसा हुआ है. 

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नहर का पानी पहुंचा खेतों तक

Rajasthan News: सांचौर जिले के चितलवाना क्षेत्र में भेसरिया नाड़ी के पास नर्मदा नहर टूटने से पानी 6 घंटे तक बहता रहा, जिसके कारण 20 हेक्टेयर में किसानों के खेतों में खड़ी जीरे की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई. अल सुबह इसरोल माइनर डिग्गी नम्बर 5 के पास वितरिका क्षतिग्रस्त होकर बह गई. 2 महीने में दूसरी बार बांध टूटने की घटना सामने आई है. आसपास के खेतों में पानी भर जाने से जीरे की फसल को भारी नुकसान हुआ है. स्थानीय लोगों के अनुसार इतनी बड़ी घटना पर अधिकारियों से संपर्क करने के बावजूद कोई रिस्पांस नहीं मिला, जिससे फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई.

खेतों में भरा पानी, फसलें हुईं

सरपंच ने 2 जेसीबी मंगवाई और नहर से बह रहे पानी को रोका. नर्मदा विभाग की लापरवाही से नर्मदा नहरों में पानी छोड़ने के बाद उसकी नियमित पेट्रोलिंग और साफ-सफाई नहीं होने के कारण लगातार माइनर ओवरफ्लो होकर टूट रही हैं. जिससे नहर के आस-पास के क्षेत्र में खड़ी फसलें बर्बाद हो रही हैं. इस वितरिका के क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद 6 घंटे तक पानी व्यर्थ बहता रहा. जिससे क्षेत्र में जल भराव की स्थिति बन गई. आसपास के क्षेत्रों में खड़ी जीरे की फसल चौपट होने की कगार पर है. किसानों के अनुसार नर्मदा विभाग की लापरवाही से करीब 20 हेक्टेयर में पानी भराव से फसल चौपट हो गई.

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पहले भी टूट हो चुका है भारी नुकसान

पहले भी टूट चुकी यही वितरिका गत 30 जनवरी को यही इसरोल वितरिका 2 किमी दूर टूट चुकी है. करीब 70 हेक्टेयर में जीरा और रायड़ा की फसलों को नुकसान पहुंचा था. इसके अलावा 21 जनवरी काछोला माइनर से पानी ओवरफ्लो होकर निकल गया. इससे भी कई हेक्टेयर में फसलें चौपट हुई थीं. गत 4 फरवरी को सांगड़वा माइनर टूटी. जिसमें 3 घंटे पानी व्यर्थ बहता रहा और करीब 100 हेक्टेयर से अधिक जीरा और रायड़ा की फसलें चौपट हो गई थीं.

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बिना सफाई छोड़ा जा रहा पानी  

किसानों ने आरोप लगाया है कि नर्मदा नहर विभाग की लापरवाही से बिना साफ-सफाई के सिर्फ खानापूर्ति कर माइनर में पानी शुरू कर दिया. जिससे नहरें जगह-जगह पर टूट रही हैं. खेतों में पानी भरने से किसानों की फसलों को नुकसान हो रहा है. किसान रिडमलराम खिलेरी ने बताया कि नहर टूटने से 8 हेक्टेयर जीरे की फसल में पानी भराव हो गया. नमी रहने से जीरे की फसल चौपट हो जाएगी. सरकार द्वारा कोई उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है. प्रधानमंत्री फसल बीमा अंतर्गत बीमा करवाने के बावजूद कंपनी द्वारा इंटीमेशन नहीं दर्ज किया जा रहा है.

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अधिकारियों ने नहीं दिखाई सक्रियता

6 घंटे तक पानी व्यर्थ बहता रहा पानी माइनर के टूटने के बाद नर्मदा विभाग के अधिकारी मौके पर ही नहीं पहुंचे. सूचना देने के बाद भी उन्होंने न तो मौके पर पहुंचने की जहमत उठाई और न ही नहर का पानी बंद किया. नहर टूटने के बाद लगातार 6 घंटे तक पानी व्यर्थ बहता रहा. इधर ग्रामीणों का आरोप है कि नहर की टूटने की सूचना देने के लिए अधिकारी को कई बार फोन किया तो अधिकारियों ने कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया.

विपरजॉय ने पहले ही मचाई थी तबाही

क्षेत्र में विपरजॉय तूफान को 7 महीने गुजर जाने के बाद भी कई जगह जलमग्न की स्थिति बनी हुई है. वितरिका बार-बार टूटने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों ने बताया कि जल स्तर बढ़ने से जमीन दलदल हो चुकी है. जमीन बंजर भूमि में तब्दील हो रही है. खारेपन के कारण जमीन लवणीय हो चुकी है. इसमें किसी प्रकार की खेती भी नहीं होती है.

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