Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा के जारी बजट सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच पिछले पांच दिन से खींचतान हो रही है. 21 फरवरी को लखपति दीदी योजना पर बोलते हुए मंत्री अविनाश गहलोत की एक टिप्पणी से शुरू हुआ हंगामा एक गतिरोध में बदल गया है. कांग्रेस ने निलंबन के विरोध में विधानसभा की शेष सत्र की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया है. कांग्रेस विधायक विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. जिसमें कांग्रेस के सभी नेता शामिल हुए.
वासुदेव देवनानी हुए भावुक
इस दौरान विधानसभा का सत्र चलता रहा, प्रश्नकाल के बाद कई निर्दलीय विधायकों ने सत्ता और पक्ष के बीच जारी गतिरोध तोड़ने की बात कही. विधायकों का कहना था कि गोविंद सिंह डोटासरा ने स्पीकर के लिए ग़लत शब्दों का प्रयोग किया है, इसके लिए उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए. इस दौरान शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा की सदस्यता रद्द की जाए. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी गोविंद सिंह डोटासरा के व्यवहार को लेकर भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसू आ गए.
देवनानी ने सदन में कहा राजस्थान विधानसभा की लंबी और मर्यादापूर्ण परंपरा रही है. यहां कई बार गतिरोध हुआ है, विपक्ष ने धरने भी दिए हैं, लेकिन कल सदन के स्थगित होने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया वह असहनीय है.
''अमर्यादित भाषा का प्रयोग करता तो ये लोग वीडियो जारी कर देते''
उधर सदन के बाहर गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, '' हम तो स्पीकर के पास जाकर गुहार लगा रहे थे कि मंत्री ने जो बोला है उसे एक्सपंज करवाओ (कार्यवाही से हटाओ), हमने और क्या बोला ? हमने खेद प्रकट कर दिया, लेकिन मंत्री से माफ़ी नहीं मंगवाई, बल्कि भाजपा ऑफिस में उनका स्वागत किया गया. अगर इनके पास हमारे द्वारा अमर्यादित भाषा का प्रयोग किये जाने का सबूत होता तो, ये लोग वीडियो जारी कर देते''
डोटासरा ने कहा कि हम इस डेडलॉक को तोड़ने के लिए स्पीकर के कक्ष में गए थे. वहां यह बात तय हो गई थी कि अविनाश गहलोत माफ़ी मांगेंगे और मैं पूरे घटनाक्रम पर खेद प्रकट करुंगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. यह लोग गीता पर कसम खा कर यह बोल दें कि मेरी माफ़ी की बात हुई थी. अगर यह साबित हुए तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा.
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