सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद जांच के लिए पहुंची टीम ने लिया सैंपल

मुख्यमंत्री बजट में स्वीकृत शहरी क्षेत्र की सड़कों पर नगर पालिका प्रशासन ने उठाया मामला. यादव कंस्ट्रक्शन व अरुण विल्डर्स ने सड़कों का निर्माण किया था. अनियमितता के आरोप के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने सड़कों की कोर कटिंग की.

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सड़क की जांच करते कर्मचारी
भरतपुर:

भरतपुर नदबई विधानसभा क्षेत्र में सड़कों की गुणवत्ता को लेकर एक बार फिर पीडब्ल्यूडी के अधिकारी व संबधित फर्म पर अनियमितता के आरोप लगे हैं. मामला नगर पालिका जनप्रतिनिधियों की ओर से सड़क निर्माण कार्य में अनियमितता से जुड़ा है. अनियमितता के आरोपों के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग क्वालिटी कंट्रोल के अधीक्षण अभियंता अशोक वर्मा के नेतृत्व में गठित एक टीम द्वारा शहरी क्षेत्र में करीब आधा एक दर्जन सड़कों की जांच पड़ताल कर कोर कटिंग करते हुए जांच सैम्पल एकत्रित किए गए. 

प्रथम दृष्टया जांच पड़ताल के दौरान संबधित फर्म यादव कंस्ट्रक्शन व अरुण विल्डर्स फर्म की भारी अनियमितता सामने आने से एक बार फिर विभागीय अधिकारी व संबधित फर्म की मिलीभगत खुलकर सामने आ गई.

निर्धारित विभागीय मानकों से इतर बना दी सड़क

विभागीय सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री बजट वर्ष 2021-2022 व 2022-2023 में फर्म यादव कंस्ट्रक्शन और वर्ष 2023-24 में अरुण विल्डर्स ने शहरी क्षेत्र में करीब 20 किलोमीटर की अलग-अलग सड़कों को निर्माण कराया. लेकिन संबधित फर्म ने निर्धारित विभागीय मानकों की अनदेखी करते हुए महज औपचारिकता पूरी के लिए सड़कों का निर्माण कार्य पूरा कर दिया. 

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सड़कों की कटिंग कर इकट्ठा किया गया सैंपल

सड़कों की गुणवत्ता को लेकर 21 सितम्बर को नगर पालिकाध्यक्ष हरवती सिनसिनवार के नेतृत्व में नगर पालिका जनप्रतिनिधियों ने संभागीय आयुक्त को ज्ञापन देते हुए सड़कों के निर्माण कार्यो के जांच कराने की मांग की. बाद में संभागीय आयुक्त के निर्देश पर अधीक्षण अभियंता अशोक वर्मा के नेतृत्व में गठित टीम ने शहरी क्षेत्र में अलग-अलग सड़कों पर कोर कटिंग कर करीब एक दर्जन जांच सैम्पल एकत्रित किए.

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सड़कों की गुणवक्ता को लेकर विधानसभा में उठा था मुद्दा 

गौरतलब है कि करीब 10 माह पहले देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष व नदबई विधायक जोगिन्दर अवाना ने भी सड़कों के निर्माण कार्य में गुणवत्ता नहीं होने को लेकर मामला विधानसभा में उठाया गया था. मामले पर चीफ इंजीनियर के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी विभाग की टीम ने कोर कटिंग कर जांच सैम्पल लिए. हालांकि बाद में जांच प्रक्रिया महज फाइलों में थमकर रह गई. फिलहाल विभाग के अधिकारी मामलें में चुप्पी साधे हुए है.

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