जिस कम्पनी के मालिक पर भरोसा किया, उसी मालिक के धोखा देने से परेशान होकर मंगलवार देर रात एक युवक ने ट्रेन के आगे छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली. अजमेर की अलवर गेट थाना पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए अजमेर के अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में रखवाया. सुसाइड नोट में युवक कंपनी के मालिक पर आरोप लगाते हुए लिखा कि बॉस ने उसके नाम से फर्जी दस्तावेज बनाकर प्रॉपर्टी बेची और ढाई करोड़ रुपए लेकर फरार हो गया.
थाना प्रभारी श्याम सिंह चारण ने बताया की न्यू जवाहर नगर, बाटला रोड, अमृतसर (पंजाब) निवासी मोहित मेहता (32) पुत्र विजय मेहता ने मंगलवार रात 12 बजे गुलाब बाड़ी रेलवे ट्रैक पर ट्रेन के आगे कूदकर सुसाइड कर लिया. वह 2 साल से अजमेर के गुलाब बाड़ी इलाके में रह रहा था. उसकी जेब से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. इसमें उसने अपनी कंपनी के मालिक पर प्रॉपर्टी के विवाद को लेकर फंसाने का आरोप लगाया है.
मृतक ने अंग्रेजी में अपने बॉस के काले कारनामों की दास्तान लिखी है. थाना प्रभारी श्याम सिंह ने बताया मामले में अमृतसर थाने को ईमेल के जरिए सूचना दी गई है. परिवार से संपर्क कर उन्हें घटना की जानकारी दी जाएगी. परिवार के अजमेर पहुंचते ही पोस्टमॉर्टम कर शव उन्हें सुपुर्द कर दिया जाएगा. मोहित ने सुसाइड नोट में अपने दोस्तों और वकील के नंबर भी लिखे मिले जिस पर उन नंबरों पर बातचीत की तो मोहित से जुड़े कई खुलासे भी हुए.
मोहित ने आत्महत्या से पहले ये लिखा..
मैं मोहित मेहता पुत्र विजय मेहता निवासी मकान नंबर 309, गली नंबर 11, न्यू जवाहर नगर, बाटला रोड, अमृतसर (पंजाब) का रहने वाला हूं. मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं, जिसका कारण मेरा बॉस है. जिसका नाम गोजिंदर जीत सिंह (राजवीर इल्लु) पुत्र इंद्रजीत सिंह है. वह बाबरा हाइड्रोलिक इंजीनियर वर्कर का मालिक है. वह ट्रांसपोर्ट नगर, जीटी रोड, अमृतसर (पंजाब) का रहने वाला है.
मेरे बॉस गोजिंदर जीत सिंह ने मेरे नाम से फर्जी डॉक्युमेंट बनाकर प्रॉपर्टी प्रताप सिंह निवासी गांव खस्सा, जीटी रोड, अमृतसर (पंजाब) को बेच दी. मेरे नाम पर बनाए गए प्रॉपर्टी के डॉक्युमेंट फर्जी हैं. प्रॉपर्टी की कीमत ढाई करोड़ रुपए है, जिसका पैसा गोजिंदर जीत सिंह को मिला है. (सुसाइड नोट में प्रताप सिंह की पत्नी सुखवंत कौर का भी जिक्र है)
प्रॉपर्टी के ढाई करोड़ रुपए में से डेढ़ करोड़ नकद गोजिंदर सिंह को मिले. बाकी एक करोड़ रुपए पंजाब नेशनल बैंक में मेरे अकाउंट में आए थे, जिसे गोजिंदर ने सेल्फ चेक के जरिए अकाउंट से निकाल लिया. मेरे तीन अकाउंट पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र से यह पैसा निकाला गया। गोजिंदर मुझे फंसा कर पंजाब छोड़कर चला गया। ऐसे में अमृतसर में चल रहे केस की सुनवाई पर भी नहीं जा पा रहा हूं.
बॉस ने किया विश्वास घात
मोहित की दोस्त ने नाम न बताने की शर्त पर एनडीटीवी को बताया कि मोहित के खिलाफ जब धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ, उसके बाद से ही उसके परिवार ने उसे निकाल दिया और वह अवसाद में रहने लगा. 2022 में ही उसकी कंपनी के बॉस (गोजिंदर) ने उसे जेल से निकलवाया था. इसके बाद से वह बॉस पर बहुत विश्वास करने लग गया. जहां तक मुझे मालूम है, उसके बॉस ने उसके डॉक्युमेंट्स के जरिए फर्जी तरीके से प्रॉपर्टी बेचकर उसे फंसा दिया, बाद में उसे भी कंपनी से निकाल दिया.
मोहित इससे पहले भी कई बार सुसाइड की धमकियां लिखकर वॉट्सऐप पर अपने रिश्तेदारों को भेज चुका था. ऐसे में उसके सुसाइड नोट पर किसी ने भरोसा नहीं किया. लंबे समय से मोहित परेशान चल रहा था और वह अपने रिश्तेदारों और अपने दोस्तों को व्हाट्सएप पर आत्महत्या करने की धमकी दे रहा था.
परिजनों ने फ्रॉड बताकर डिग्री भी छीन ली थी
मृतक मोहित के दोस्त ने बताया कि जब बॉस ने उसके साथ फ्रॉड किया तो उसी दौरान कोई और केस भी मोहित पर हुआ था. वह परेशान चल रहा था, बीच-बीच में वह दोस्तों से पैसों की मदद मांगता रहता था. परिवार ने जब घर से निकाला तो उसकी MBA की डिग्री भी ले ली. इस वजह से उसे नौकरी भी नहीं मिल रही थी. पिछले दो साल से वह अजमेर में रह रहा था. बीच-बीच में पंजाब आता-जाता रहता था. उसके पास खाने-पीने के लिए पैसे भी नहीं थे, जिससे वह काफी परेशान चल रहा था.
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