राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को लेकर सियासत तेज हो गई है. पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों से जुड़े इस सालों पुराने मुद्दे पर भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने है. दो सितंबर को भाजपा की पहली परिवर्तन यात्रा के शुभारंभ के मौके पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा था कि ईआरसीपी को हमने शुरू किया, लेकिन गहलोत सरकार इसमें अड़ंगा डालकर बैठ गई है. राजे के इस बयान पर सोमवार को गंगापुरसिटी पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने करारा पलटवार किया है.
सोमवार को गंगापुरसिटी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में राजीव गांधी शहरी और ग्रामीण ओलंपिक के जिला स्तरीय कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे सीएम गहलोत ने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को केंद्र शुरू नहीं करना चाहता है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे.
गहलोत बोले- केंद्र की जिद ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करेंगे
ईआरसीपी के लिए केंद्र पर हमला करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र की जिद है कि ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करेंगे. लेकिन हम भी जिद पर अड़े हैं और ERCP को शुरू करके ही दम लेंगे. उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में उन्होंने घोषणाएं करना बंद कर दी, उल्टे अब गारंटी देना शुरू कर दिया है. इसका प्रमाण महंगाई राहत कैंप है. जिसमें एक करोड़ 80 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है.
सरकार की उपलब्धियों का भी सीएम ने किया बखान
इस कार्यक्रम के दौरान सीएम गहलोत ने सरकार की उपलब्धियों का भी बखान किया. उन्होंने कहा कि मैंने कभी किसी काम को मना नहीं किया, चाहे शिक्षा का मामला हो या स्वास्थ्य का. हाल ही 303 नए कॉलेज खोले हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी. प्रदेश में उनके द्वारा 1,50,000 किलोमीटर सड़कों का जाल बिछाया है.
नरेगा की तर्ज पर शहरों में भी शुरू किया काम
सीएम गहलोत ने कहा कि कांग्रेस ने गरीब मध्यम वर्ग के परिवारों को महात्मा गांधी नरेगा योजना के साथ-साथ सूचना का अधिकार और ₹2 किलो अनाज मुफ्त दिया है. इतना ही नहीं 5 साल में करीब 3000 करोड रुपए प्रदेश के विकास पर खर्च किए हैं. हाल ही महात्मा गांधी नरेगा की तर्ज पर शहरी क्षेत्र में भी इस योजना को शुरू किया है, ताकि शहर के लोगों को भी रोजगार मिल सके.
भाजपा गो माता के नाम पर करती है राजनीति, काम हमने कियाः गहलोत
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा वाले गौ माता और धर्म के नाम पर राजनीति करते हैं. लेकिन असली गौ सेवा हम कर रहे हैं. पूर्ववर्ती सरकारों ने गौ सेवा पर केवल 500 करोड रुपए खर्च किए थे. लेकिन हमारी सरकार ने गौ माता के लिए न केवल आयोग बनाया बल्कि 3000 करोड रुपए भी दिए. इसके अलावा पशुपालन बीमा शुरू किया.
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