मेडिकल सेक्टर में 'मॉडल राज्य' बना राजस्थान, केंद्र सरकार इसे अपनाएः अशोक गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को 887 करोड़ रुपए की लागत से मेडिकल कॉलेजों से सम्बंधित चिकित्सा संस्थानों के 32 कार्यों और 3 नर्सिंग कॉलेजों के भवनों का शिलान्यास किया. साथ ही 379 करोड़ रुपए के 36 कार्यों का लोकार्पण भी किया.

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चिकित्सा के क्षेत्र में राजस्थान देश में ‘मॉडल राज्य' बन गया है. यहां के मॉडल को केंद्र सरकार को अपनाना चाहिए. उक्त बातें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहीं. सीएम ने कहा कि राजस्थान में पूरी प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता के साथ चिकित्सा और स्वास्थ्य क्षेत्र में एक मजबूत ढांचा तैयार किया गया है, स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के कारण गांवों-कस्बों तक उत्कृष्ट चिकित्सकीय सुविधाएं पहुंची हैं. सीएम ने कहा कि राज्य के चिकित्सा मॉडल को पूरे देश में सराहा जा रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री से पूरे देश में राजस्थान जैसी चिकित्सकीय योजनाएं लागू करने का आग्रह किया.

दरअसल बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से सीएम गहलोत ने 887 करोड़ रुपए की लागत वाले मेडिकल कॉलेजों से संबंधित चिकित्सा संस्थानों में 32 कार्यों और तीन नर्सिंग कॉलेजों की इमारतों के निर्माण का शिलान्यास किया. साथ ही 379 करोड़ रुपए की लागत से संपन्न 36 कार्यों का लोकार्पण भी किया. साथ ही राज्य के सभी सात संभागों में 7.15 करोड़ रुपये की लागत से कैंसर की जांच करने के लिए छह सचल कैंसर निदान वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस कार्यक्रम में सीएम ने राजस्थान की मेडिकल फैसिलिटी की प्रशंसा की और उसे पूरे देश में लागू करने की मांग उठाई. 

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एक बयान में गहलोत ने कहा कि राजस्थान मॉडल को अपनाकर देशवासियों को एक समान चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए और राज्य के अनुभवी चिकित्सकों से विचार-विमर्श करने के साथ ही हमारे मॉडल का भी अध्ययन कराना चाहिए. मुख्यमंत्री ने बताया कि सवाई मानसिंह अस्पताल में 538 करोड़ रुपए की लागत से 1200 बिस्तरों वाला देश का सबसे ऊंचा टावर बनाया जा रहा है. 2018 में एमबीबीएस की 1850 सीटें थीं जो बढ़कर अब 3830 और पी.जी की 960 सीटें बढ़कर 1690 हो गई हैं.

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मुख्यमंत्री ने बताया कि चार साल में 26 नए नर्सिंग कॉलेज खोले गए, जिससे 1,560 नर्सिंग सीटों में बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा तीन जिलों राजसमंद, जालौर व प्रतापगढ़ में मेडिकल कॉलेज स्वीकृत नहीं किए जाने पर अब राज्य सरकार ने वहां कॉलेज बनाने का फैसला लिया है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि प्रदेश चिकित्सा क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल कर रहा है। चिकित्सकीय सुविधाओं में वित्तीय कमी नहीं आने दी जा रही है.

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