चंबल में बढ़ा घड़ियाल का कुनबा, खास टैग से लैस 25 शावक घड़ियाल छोड़ गए, आंकड़ा पहुंचा 2481

राजस्थान-मध्य प्रदेश की सीमा से होकर बहने वाली चंबल नदी में घड़ियालों का कुनबा बढ़ गया है. मंगलवार को चंबल नदी में 25 शावक घड़ियाल छोड़े गए.

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चंबल नदी में छोड़े गए 25 घड़ियाल शावक.

राजस्थान-मध्य प्रदेश की सीमा से होकर गुजरने वाली चंबल नदी में मंगलवार को 25 शावक घड़ियाल छोड़ गए. इससे चंबल नदी में घड़ियालों का कुनबा बढ़ गया है. बता दें कि चंबल नदी मध्य प्रदेश के मुरैना और राजस्थान के धौलपुर जिले की सीमा से होकर गुजरनी है. चंबल नदी मे मंगलवार को घड़ियाल केंद्र मुरैना की टीम द्वारा 25 शावक घड़ियालों को नदी में छोड़ा गया है. जिनमे चार नर एवं 21 मादा शामिल हैं. चंबल में जलीय जीवों का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है. जिससे जलीय जीव एवं पर्यटकों में खुशी देखी जा रही है.

ढाई से 3 साल तक के घड़ियाल शावक नदी में छोड़े गए

मुरैना जिले के डीएफओ सुजीत आर पाटिल ने बताया मंगलवार को 25 घड़ियाल शासको को चंबल में रिलीज किया है. ढाई से 3 साल तक घड़ियाल शावकों की परवरिश और देखरेख घड़ियाल केंद्र मुरैना में की गई थी. शावकों के सेल्फ डिफेंस होने के बाद स्वतंत्र जीवन जीने के लिए चंबल में छोड़ दिया है. 

सभी घड़ियाल शावक पर लगाया गया है खास टैग

जिला वन अधिकारी ने बताया प्रत्येक घड़ियाल शावक पर एक खास तरह का टैग भी लगाया गया है. जिससे उनकी पहचान वन विभाग की टीम कर सकेगी. उन्होंने बताया घड़ियाल केंद्र मुरैना में हैचिंग की जाती है. घड़ियाल के बच्चों को अंडों से निकलने के बाद स्वास्थ्य खानपान एवं मौसम का मिजाज अनुकूल रखा जाता है.

आगे 98 घड़ियाल शावकों को और छोड़ना है

उन्होंने बताया फिलहाल 25 घड़ियाल बच्चों को चंबल में छोड़ दिया है. आगामी दिनों में 98 घड़ियाल शावकों को और रिलीज किया जाएगा. उन्होंने बताया चंबल नदी देश की सबसे स्वच्छ मानी जाती है. चंबल का वातावरण जलीय जीवों के काफी अनुकूल माना जाता है. गंदगी रहित नदी होने की वजह से जलीय जीवों की संख्या में वंश वृद्धि हो रही है.

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घड़ियालों की संख्या हुई 2481, मगरमच्छ 878

डीएफओ मुरैना ने बताया घड़ियाल प्रजाति में भारी इजाफा हो रहा है. घड़ियालों की संख्या 2481 तक पहुंच गई है. वही मगरमच्छ 878 एवं 111 गंगटोक डॉल्फिन भी देखी गई है. इसके अलावा सैकड़ो की संख्या में कछुआ प्रजाति में भी वृद्धि देखी जा रही है.