Chandipura virus: चांदीपुरा वायरस गुजरात के रास्ते दक्षिण राजस्थान में एंट्री कर चुका है. जिससे गुजरात, राजस्थान के सीमाई जिलों में दहशत फैल गई है. यह बीमारी बच्चों को अपना शिकार बनाता है. बीते एक सप्ताह में इस बीमारी से छह बच्चों की मौत की बात कही जा रही है. जिसमें एक राजस्थान के उदयपुर का रहने वाला था. बच्चों को शिकार बनाने वाले इस वायरस को लेकर दोनों राज्यों और संबंधित जिलों में चिकित्सा विभाग अलर्ट है. आइए जानते हैं क्या ये चांदीपुरा वायरस और इसके लक्षण और बचाव के तरीके क्या-क्या हैं?
एक नजर में जानिए क्या है चांदीपुरा वायरस
चांदीपुरा एक वायरल संक्रमण है, जो मच्छर, घुन और रेतीली मक्खी के माध्यम से फैलता है. इसके उपचार में विलंब होने पर गंभीर स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है. ‘चांदीपुरा' संक्रमण के मुख्य लक्षण में बुखार आना, उल्टी होना और आकस्मिक दौरे पड़ना शामिल है. जिन लोगों को ऐसे लक्षण हैं, वे विशेष सतर्कता बरतें और चिकित्सक की देखरेख में यथाशीघ्र उपचार कराएं.
गुजरात के मंत्री ने क्या कुछ दी जानकारी
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा, "प्रदेश से चांदीपुरा वायरस की एंट्री है. ये नया वायरस नहीं है लेकिन ये वेक्टर से फैलता है. इसका असर ग्रामीण इलाकों के 14 वर्ष से कम बच्चों पर होता है. अगर इसके लक्षण दिखें तो अस्पताल जाएं. इसका असर बाहर प्रदेश के लोगों में भी हैं, जो यहाँ बसे हुए है."
उदयपुर के डॉक्टर ने बताया- जागरूकता अभियान जारी
CMHO डॉ. शंकर बामनिया ने बताया कि वायरस का केंद्र बलीचा गांव बताया जा रहा है, जो खेरवाड़ा ब्लॉक में है. ये इलाक़ा गुजरात से सटा हुआ है. यहाँ के आदिवासी रोजगार की तलाश में गुजरात जाते रहते हैं. इसलिए यहां सरकार अब जागरूकता अभियान चला रही है. सैंपल की रिपोर्ट का अब इंतज़ार है, जिससे पुष्टि हो पाएगी कि ये चांदीपुर वायरस है.
जानिए क्या हैं चांदीपुर वायरस के लक्षण
डॉक्टरों ने बताया कि चांदीपुरा वायरस से बुखार आता है, जिसके साथ फ्लू और तीव्र एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) जैसे लक्षण होते हैं. चांदीपुरा वायरस में अक्सर अचानक तेज बुखार आना, उसके बाद दौरे पड़ना, दस्त, मस्तिष्क में सूजन, उल्टी का होना शामिल है. यदि बाल रोगियों में उच्च श्रेणी के बुखार, उल्टी, दस्त, सिर दर्द और ऐंठन जैसे प्राथमिक लक्षण दिखाई देते हैं, तो तत्काल एक चिकित्सक को रेफर करें.
चांदीपुर वायरस कितना खतरनाक?
गुजरात के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि चांदीपुर वायरस संक्रामक नहीं है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में ही इसके 12 मामले सामने आ गए हैं. ऐसे में इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है. ये वायरस कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वायरस से संक्रमित बच्चे लक्षण दिखने के 48-72 घंटों के भीतर मर जाते हैं. ऐसे में यह वायरस शिशुओं और वयस्क के लिए घातक है.
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