राष्ट्रपति तक पहुंची राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की शिकायत, बार एसोसिएशन ने कहा- 'कंट्रोल खो बैठे हैं जस्टिस'

ग्रीवांस रिड्रेसल कमिटी की बैठक न होने, वीसी में आ रही समस्याओं को लेकर बार एसोसिएशन नाराज है. पत्र में शिकायतों पर ज्ञापन के बाद भी सुनवाई न होने का जिक्र है.

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राजस्थान हाई कोर्ट.

Rajasthan News: राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की लिखित शिकायत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और केंद्रीय कानून मंत्री तक पहुंच गई है. जयपुर बार एसोसिएशन ने इस शिकायत में लिखा है कि जस्टिस कंट्रोल खो चुके हैं, स्टाफ का व्यवहार काफी बुरा है. ये स्टाफ सभी को मिस गाइड करता है और गलत तरीके से केस की लिस्टिंग करता है. इससे न सिर्फ वकील, बल्कि कई न्यायाधीश भी परेशान होते हैं. इस कारण यहां स्थिति गंभीर है और इस पर आपको तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.

दीपावली स्नेह मिलन कार्यक्रम का बहिष्कार

ग्रीवांस रिड्रेसल कमिटी की बैठक न होने, वीसी में आ रही समस्याओं को लेकर बार एसोसिएशन नाराज है. पत्र में शिकायतों पर ज्ञापन के बाद भी सुनवाई न होने का जिक्र है. शायद इसीलिए मुख्य न्यायाधीश के जरिए कराए जा रहे दीपावली स्नेह मिलन कार्यक्रम का भी बार एसोसिएशन ने बहिष्कार किया है. एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद शर्मा ने कहा, 'तीन हजार जमानत आवेदन लंबित हैं. हमने स्पेशल बेंच बिठाने की मांग की थी. फिर भी बेंच नहीं बनी. इसलिए स्नेह मिलन में शामिल होना उचित नहीं. हम अलग से स्नेह मिलन कार्यक्रम आयोजित करेंगे.'

'हड़ताल पर मुख्य न्यायाधीश ने नहीं लिया संज्ञान'

शिकायत पत्र में आगे लिखा है कि, 'जयपुर में राजस्थान हाई कोर्ट की बेंच बनने का शुरुआत से ही राजस्थान हाई कोर्ट एसोसिएशन जोधपुर के वकील विरोध कर रहे हैं. इसी के चलते हर महीने का आखिरी दिन हड़ताल दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसमें मुख्य न्यायाधीश भी सहयोग करते हैं. ऐसा इसीलिए क्योंकि मुख्य न्यायाधीश ने 2021 में अपनी ज्वाइनिंग से लेकर आज तक इस हड़ताल पर कभी संज्ञान नहीं लिया. यह दर्शाता है कि मुख्य न्यायाधीश एम.एम. श्रीवास्तव ने जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी की है.'

जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग

प्रह्लाद शर्मा ने पत्र के आखिर में लिखा, 'ऊपर बताए गए तथ्यों एवं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हम आपसे आग्रह करते हैं कि आप महामहिम हैं. कृपया मामले में जल्द से जल्द प्रभावी कार्रवाई करें. हमें भरोसा है कि आप जो भी फैसला लेंगे वो सही होगा. इस मामले पर विचार करें और समाधान के लिए त्वरित कार्रवाई करें.' इस लेटर पेड पर कई वकीलों ने भी अपने साइन किए हैं.

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