मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा आज सुबह अचानक जवाहर सर्किल पर मॉर्निंग वॉक के लिए पहुंचे. मुख्यमंत्री बेहद कम सुरक्षा के साथ बिना तय प्रोटोकॉल के पार्क पहुंचे. जिस रूट पर आमतौर पर प्रोटोकॉल के लिए रूट लिया जाता है, आज वह भी नहीं लिया गया. मुख्यमंत्री के इस सहज और सरल अंदाज ने सुबह पार्क में मौजूद लोगों को चौंका दिया. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पहले भी जवाहर सर्किल पर लगातार सैर करते रहे हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद भी वे जयपुर के कई पार्कों में मॉर्निंग वॉक के लिए पहुंच चुके हैं.
लोगों से पूछा हालचाल
मुख्यमंत्री के मॉर्निंग वॉक के दो उद्देश्य हैं. पहला फिट राजस्थान का संदेश देना और दूसरा आमजन से मुलाकात कर सहज संवाद स्थापित करना. इसी दौरान आज भी कई लोग उनसे मिले. मुख्यमंत्री ने सभी से सामान्य बातचीत की और हालचाल पूछा.
पुराने साथियों और जानकार से मिले
आज के मॉर्निंग वॉक में उनके पुराने साथी और जानकार भी मिले जो वर्षों से उन्हें इस पार्क में देखते रहे हैं. वे मुख्यमंत्री के साथ चलते हुए पुराने दिनों को याद करते रहे. दूसरी ओर कई भाजपा पदाधिकारी भी सुबह-सुबह पहुंच गए और मुख्यमंत्री के साथ वॉक में शामिल हुए. भूपेंद्र सैनी और एकता अग्रवाल भी मॉर्निंग वॉक के दौरान पहुंचे और कुछ दूरी तक मुख्यमंत्री के साथ चले. पूर्व डिप्टी मेयर पुनीत कर्णावट, भाजपा नेता लक्ष्मीकांत भारद्वाज, मनीषा सिंह, योगेश सिसोदिया, मनोज पांडे, पार्षद ओम स्वामी और नवरत्न नाननिया भी मौजूद रहे.
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा.
दो बच्चों को पिलाया जूस
एक दूसरी तस्वीर भी सुबह की चर्चा में रही जिसमें मुख्यमंत्री ने भीड़ में खड़े एक व्यक्ति और उसके दो छोटे बच्चों के लिए जूस खरीदवाया. व्यक्ति भीड़ के पीछे खड़ा होकर अपने पुत्र को कंधे पर बैठाकर मुख्यमंत्री को देख रहा था और छोटी बच्ची अपने पिता की उंगलियां पकड़े थी. मुख्यमंत्री उनके पास पहुंचे और जूस की दुकान वाले को तीनों के लिए जूस देने को कहा. पिता अपने पुत्र को मुख्यमंत्री का प्रेम भाव देखकर भावुक हो गया. जूस विक्रेता ने बताया कि मुख्यमंत्री दो साल पहले भी इसी दुकान पर बैठकर जूस पीया करते थे और बातचीत करते थे.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की यह सादगी, सरलता और सहज व्यवहार सुबह पार्क में मौजूद लोगों की चर्चा का केंद्र रहा. उनके इस अंदाज ने लोगों को फिर वही पुराने भजनलाल शर्मा याद दिला दिए जो बिना प्रोटोकॉल के आम लोगों के बीच सहज भाव से मिलते थे.
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