जयपुर में दिनदहाड़े बच्चे की चोरी, पुलिस ने किया पर्दाफाश, जानें पूरा मामला

Child Kidnapping News: राजधानी जयपुर के एयरपोर्ट थाने इलाके से 9 महीने के मासूम बच्चे के अपहरण की वारदात का पुलिस ने पर्दाफाश किया है.

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गिरफ्तार आरोपियों की तस्वीर

Jaipur Child Theft: राजस्थान की राजधानी जयपुर में दिनदहाड़े बच्चे का अपहरण पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया. जयपुर के एयरपोर्ट थाने इलाका स्थित दुर्गापुरा पुलिया के पास से 9 महीने के मासूम बच्चे का अपहरण हुआ था. मासूम बच्चा अपने माता-पिता के साथ खेल रहा था. अचानक आई एक महिला ने बच्चे का अपहरण कर लिया. बच्चे की तलाश में कमिश्नरेट की 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की टीमों को लगाया गया. पुलिसकर्मियों ने बच्चे की तलाश में 200 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाल लिए, लेकिन अपहरणकर्ताओं का कोई सुराग हाथ नहीं लगा.

आखिरकार तकनीकी टीम और पारंपरिक पुलिसिंग की मदद से बच्चे को दौसा ले जाने की जानकारी मिली. जिसके बाद तत्काल पुलिस की टीम दौसा पहुंची और बच्चा अपहरण करने वाले पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपियों से अपहरण किए गए 9 महीने के मासूम को सकुशल दस्तयाब कर लिया. पुलिस ने आरोपियों से वारदात में प्रयुक्त मोटरसाइकिल को भी जब्त किया है.

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बच्चे की चाहत में किया अपहरण

पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि गिरफ्तार दंपति रमेश और पायल के कोई भी बच्चा नहीं था. दोनों की शादी को 7 साल हो चुके थे. रमेश ने दो-दो शादियां कर रखी थी. पहली पत्नी के चार बेटियां थी, लेकिन बेटा नहीं था. बेटे की चाहत में रमेश ने नाता प्रथा से पायल से शादी कर ली. लेकिन पायल के भी 7 साल बीत जाने के बाद भी कोई भी लड़का नहीं हुआ. इतना ही नहीं रमेश ने आईवीएफ तकनीक से भी बच्चा करने की कोशिश की. लेकिन कामयाब नहीं हो पाया. ऐसे में बेटे की चाहत में रमेश और उसकी पत्नी पायल ने बच्चे का अपहरण करने का प्लान तैयार किया.

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योजना के तहत दोनों पति-पत्नी जयपुर के दुर्गापुरा आए. पुलिया के नीचे यहां पर कुछ बच्चे हंस-खेल रहे थे. 15 दिन तक पत्नी पायल ने रेकी की. कुछ बच्चे के मां-बाप से अपनी जान पहचान बनाई. मौका देखकर जैसे ही बच्चे से मां-बाप की नजर हटी. तो पायल और रमेश एक बच्चे का अपहरण कर बाइक पर ले गए. बच्चा चोरी करने के लिए रमेश ने बाइक पर फर्जी नंबर प्लेट लगा रखी थी. रमेश दौसा ले जाकर बच्चे को किराए के मकान में छुपा दिया. हालांकि पारंपरिक पुलिसिंग और तकनीकी टीम की मदद से रमेश और पायल आज पुलिस की गिरफ्त में हैं.

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