RPSC मेंबर केसरी सिंह पर बोले CM गहलोत- '' सेना में उनकी सेवाओं को देखकर दी नियुक्ति, बयान दुर्भाग्यपूर्ण"

RPSC मेंबर केसरी सिंह की नियुक्ति को लेकर उठे विवाद पर सीएम गहलोत की प्रतिक्रिया सामने आई है, सीएम ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि कर्नल केसरी सिंह की नियुक्ति के बाद सोशल मीडिया पर उनके कुछ बयान वायरल हुए हैं जो जाति विशेष और व्यक्ति विशेष को लेकर दिए गए हैं जो निंदनीय, पीड़ादायक एवं दुर्भाग्यपूर्ण हैं.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( फाइल फोटो )
JAIPUR:

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के एक नवनियुक्त सदस्‍य के पुराने बयानों की निंदा करते हुए इसे पीड़ादायक बताया है. मालूम हो कि सरकार ने सोमवार को विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से कुछ देर पहले ही राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) में तीन सदस्यों की नियुक्ति का आदेश जारी किया. इनमें से एक केसरी सिंह के कुछ पुराने बयानों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, इसमें उनकी बातों को एक जाति विशेष के खिलाफ बताया जा रहा है.

गहलोत ने इस बारे में शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक बयान जारी करके कहा, ‘‘कर्नल केसरी सिंह की नियुक्ति के बाद सोशल मीडिया पर उनके कुछ बयान वायरल हुए हैं, जो जाति विशेष और व्यक्ति विशेष को लेकर दिए गए हैं जो निंदनीय, पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण है. उनकी टिप्पणियों से मुझे भी बेहद दुख पहुंचा है.''

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने उनकी सैन्य पृष्ठभूमि को देखते हुए उनकी नियुक्ति की सिफारिश की थी. गहलोत ने लिखा है, ‘‘सेना में रहे किसी भी व्यक्ति से जाति, धर्म, वर्ग इत्यादि से ऊपर उठकर देशसेवा की उम्मीद की जाती है. सैनिक देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपनी जान तक न्योछावर कर देते हैं. इसलिए उनका समाज में सम्मान होता है.''

सेना में उनकी सेवाओं को ध्यान में रख कर की नियुक्ति 

मुख्यमंत्री गहलोत के अनुसार राज्य सरकार ने हाल ही में राजस्थान अधीनस्थ सेवा बोर्ड (आरएसएसबी) के अध्यक्ष के रूप में मेजर जनरल आलोक राज एवं आरपीएससी में सदस्य के रूप में कर्नल केसरी सिंह की नियुक्ति की सिफारिश की थी. उन्होंने कहा कि इन दोनों ने ना तो आवेदन किया था और ना ही इनकी कोई सिफारिश आई, इनकी 37 साल और 20 साल की सैन्य सेवाओं को देखते हुए इनको नियुक्त किया गया.

हमारी सरकार ने तीन लाख भर्ती निकालने का ऐतिहासिक कार्य किया : गहलोत 

गहलोत ने लिखा, ‘‘एक तरफ हमारी सरकार ने तीन लाख भर्ती निकालने का ऐतिहासिक कार्य किया जो शायद देश में सर्वाधिक है और दूसरी तरफ पेपर लीक की कुछ घटनाएं सामने आईं (अधिकांश राज्यों में ऐसी ही स्थिति बनी हुई है, सेना और न्यायपालिका तक में पेपर लीक हो गए). ये सोचकर सरकार ने प्रयास किया कि सैन्य पृष्ठभूमि के अधिकारियों को राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) एवं राजस्थान अधीनस्थ सेवा बोर्ड (आरएसएसबी) जैसी संस्थाओं में स्थान दिया जाए, जिससे इन संस्थाओं की विश्वसनीयता कायम रहे.''

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