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वाणिज्य संकाय के अभ्यर्थियों का RPSC पर गंभीर आरोप, इंटरव्यू में हो रही देरी से बढ़ी चिंता

अभ्यर्थियों ने कहा कि मई 2024 में परीक्षा और फरवरी 2025 में पहला परिणाम जारी होने के बावजूद आज तक इंटरव्यू शेड्यूल जारी नहीं किया गया है, जिससे भविष्य को लेकर गंभीर अनिश्चितता बनी हुई है.

वाणिज्य संकाय के अभ्यर्थियों का RPSC पर गंभीर आरोप, इंटरव्यू में हो रही देरी से बढ़ी चिंता

RPSC: अजमेर में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के बाहर आज वाणिज्य संकाय- एबीएसटी, BADM और EAFM के अभ्यर्थियों ने इंटरव्यू प्रक्रिया में हो रही लगातार देरी के खिलाफ विरोध जताया है. अभ्यर्थियों के अनुसार सहायक प्रोफेसर भर्ती 2023 चक्र में अन्य संकायों के उम्मीदवारों के साक्षात्कार पूरे हो चुके हैं और कई को नियुक्त हुए एक वर्ष से भी अधिक समय हो चुका है. जबकि वाणिज्य विषयों के अभ्यर्थी अभी भी इंटरव्यू की तारीखों के इंतजार में हैं. अभ्यर्थियों ने कहा कि मई 2024 में परीक्षा और फरवरी 2025 में पहला परिणाम जारी होने के बावजूद आज तक इंटरव्यू शेड्यूल जारी नहीं किया गया है, जिससे भविष्य को लेकर गंभीर अनिश्चितता बनी हुई है.

आरपीएससी कर रही वाणिज्य संकाय से सौतेला व्यवहार

ज्ञापन देने पहुंचे अभ्यर्थियों ने दावा किया कि आयोग वाणिज्य संकाय की तुलना में कला और विज्ञान विषयों को प्राथमिकता दे रहा है, जबकि तीनों संकायों की भर्ती एक ही विज्ञापन के तहत जारी हुई थी. उनका आरोप है कि आरएसएस 2024 जैसी नई भर्ती प्रक्रियाओं को तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है, जबकि वाणिज्य विषयों को बार-बार पीछे धकेला जा रहा है. अभ्यर्थियों ने इसे आरपीएससी का पूर्वाग्रह बताते हुए कहा कि वाणिज्य विषयों के साथ भेदभाव न केवल भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा है, बल्कि हजारों युवाओं के कैरियर, वित्तीय स्थिरता और मानसिक स्थिति पर भी गंभीर असर डाल रहा है.

अभ्यर्थियों ने RPSC सचिव से की तत्काल हस्तक्षेप की मांग

बुधवार को  आरपीएससी पहुंचकर अभ्यर्थियों ने आयोग के सचिव को ज्ञापन सौंपा और इंटरव्यू प्रक्रिया तुरंत शुरू करने की मांग की. उन्होंने आग्रह किया कि आयोग वाणिज्य विषयों के लिए इंटरव्यू पैनल की संख्या बढ़ाए, ताकि देरी को न्यूनतम किया जा सके और लंबित भर्ती प्रक्रिया समय पर पूरी हो सके. अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो भविष्य में आंदोलन तेज किया जाएगा. उनका कहना है कि महीनों से चली आ रही देरी युवाओं को आर्थिक नुकसान, अनिश्चितता और मानसिक तनाव की ओर धकेल रही है, इसलिए इस मसले को तत्काल प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाना चाहिए.

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