विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन की मिली शिकायतें

बीकानेर जिले में विधानसभा चुनावों के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन की 406 शिकायतें मिलीं. इनमें से 143 शिकायतें सही पाई गईं. इन शिकायतों के आधार पर पांच मामलों में पुलिस थानों में केस दर्ज किए गए हैं. इनमें से एक मामले की जांच सीआईडी-सीबी करेगी.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Code of Conduct Violation: बीकानेर जिले में विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें काफी सामने आई हैं. चुनाव आयोग को सी-विजिल ऐप पर 406 शिकायतें मिली थीं, जिनमें से 143 सही पाई गईं. इन शिकायतों के आधार पर पांच मामलों में पुलिस थानों में केस दर्ज किए गए हैं.

इनमें से सबसे पहला केस कांग्रेस के प्रदेश सचिव रामनिवास कूकणा के खिलाफ सदर थाने में 12 अक्टूबर को दर्ज हुआ था. उन्होंने गाँधी पार्क में बिना अनुमति के रैली निकालने की कोशिश की थी.

दूसरा मामला खाजूवाला विधायक से संबंधित 

खाजूवाला विधायक गोविन्द राम मेघवाल के पुत्र गौरव के खिलाफ जेएनवीसी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था. उनके जयपुर-जोधपुर बाइपास पर बने फार्म हाउस में उनके पोते का जन्मदिन मनाया जा रहा था. इस दौरान सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में रात 10 बजे के बाद तेज आवाज़ में डीजे बजाया जा रहा था.

तीसरा मामला RLP प्रत्याशी का

तीसरे मामले में बीकानेर-पूर्व विधानसभा क्षेत्र से आरएलपी उम्मीदवार मनोज बिश्नोई के खिलाफ सदर थाने में केस दर्ज हुआ था. उन्होंने 6 नवम्बर को नामांकन के दौरान बिना अनुमति भीड़ जमा की थी.

Advertisement

चौथे मामले में बिना अनुमति निकला जुलूस

चौथे मामले में बीकानेर-पश्चिम से प्रत्याशी मुहम्मद शकील के खिलाफ सदर थाने में केस दर्ज हुआ था. उन्होंने 6 नवम्बर को अपने नामांकन के दौरान बिना अनुमति जुलूस निकाला था.

पांचवें मामले में लूणकरणसर विधायक पर दर्ज हुआ केस

पांचवें मामले में लूणकरणसर विधायक सुमित गोदारा के खिलाफ लूणकरणसर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था. उन्होंने 3 नवम्बर को तय समय सीमा से ज़्यादा अवधि तक जनसभा की, जुलूस निकाला और लाउड स्पीकर का इस्तेमाल किया था.

Advertisement
जिला निर्वाचन अधिकारी भगवती प्रसाद कलाल का कहना है कि सी-विजिल ऐप पर मिलने वाली शिकायतों का निस्तारण 100 मिनट में किया जा रहा है. दर्ज मुक़दमों की जाँच पुलिस करेगी.

आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतों पर कार्रवाई

बीकानेर जिले में आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतों पर चुनाव आयोग ने सख्त कार्रवाई की है. पांच मामलों में पुलिस थानों में केस दर्ज किए गए हैं. इनमें से एक मामले की जांच सीआईडी-सीबी करेगी.

इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि चुनाव आयोग आचार संहिता का पालन करने के लिए गंभीर है. किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्ति को आचार संहिता का उल्लंघन करने की छूट नहीं दी जाएगी.

Advertisement

आचार संहिता का पालन क्यों जरूरी है?

आचार संहिता का पालन निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए जरूरी है. आचार संहिता के तहत राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार के दौरान कुछ प्रतिबंधों का पालन करना होता है. इन प्रतिबंधों का पालन करने से सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को समान अवसर मिलता है और चुनाव निष्पक्ष होता है.

आचार संहिता के उल्लंघन से चुनाव में अनियमितता और भ्रष्टाचार की आशंका बढ़ जाती है. इसलिए, आचार संहिता का पालन करना जरूरी है.

ये भी पढ़ें- जब पहली बार विधानसभा में किसी भी पार्टी को नहीं मिला था बहुमत तो राजस्थान में लग गया था राष्ट्रपति शासन