Rajasthan: सरिस्का और रणथंभौर अभ्यारण्य के साप्ताहिक बंद के नियमों पर उठ रहे सवाल

पर्यटन उद्योग के प्रतिनिधियों का कहना है कि पार्कों को बंद रखने की नीतियों से पर्यटन प्रभावित हो रहा है. वहीं वन्यप्रेमी भी वर्तमान नीति में बदलाव की मांग कर रहे हैं.

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सरिस्का और रणथंभौर में बाघों को देखने देश-विदेश के पर्यटक आते हैं

Rajasthan News: पिछले कुछ समय से राजस्थान के रणथंभौर नेशनल पार्क (Ranthambhore National Park) और सरिस्का टाइगर रिज़र्व (Sariska Tiger Reserve) में साप्ताहिक अवकाश की ख़बरें लगातार सुर्खियों में हैं. वन्यप्रेमियों ने सरिस्का नेशनल पार्क को मंगलवार को बंद रखने की मांग की है. उनका कहना है कि पार्क के अंदर पांडुपोल हनुमान मंदिर होने की वजह से वहां मंगलवार को पहले से ही बड़ी संख्या में लोग आया करते हैं. ऐसे में मंगलवार को पर्यटकों के लिए पार्क को बंद रखने से वन्यजीवों को राहत मिलेगी. वहीं, रणथंभौर में अभ्यारण्य के अलग-अलग हिस्सों को अब सप्ताह में दो अलग दिन बंद रखा जा रहा है. लेकिन, पर्यटन उद्योग के प्रतिनिधियों का कहना है कि पार्कों को बंद रखने की नीतियों से पर्यटन प्रभावित हो रहा है. वहीं वन्यप्रेमी भी वर्तमान नीति में बदलाव की मांग कर रहे हैं.

रणथंभौर में दो दिन बंद से हो रही असुविधा

अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान के टूर ऑपरेटरों का दावा है कि अभ्यारण्य के बंद रहने से पर्यटकों को अपना कार्यक्रम बनाने में मुश्किल आती है. उनका कहना है कि विशेष तौर पर विदेशी पर्यटकों पर इसका असर पड़ता है क्योंकि वो अक्सर दो लगातार दिनों पर सफ़ारी से वन्यजीवों को देखने जाते हैं.

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अख़बार ने राजस्थान रूट्स नामक बुकिंग एजेंसी के संचालक अमित शर्मा से बात की जिसने रणथंभौर अभ्यारण्य के बारे में कहा,"पार्क केवल एक दिन बंद होना चाहिए. अगर कोई पर्यटक सोमवार को सफ़ारी पर जाता है, तो अगले दो दिन उसे बैठे रहना पड़ सकता है क्योंकि पार्क बंद रहेगा. इसके अलावा, कई बार बुकिंग एडवांस में हो जाती है, और किसी वजह से अगर दिन बदलना पड़े, तो इससे दिक्कत होती है और हमारी छवि पर बुरा असर पड़ता है."

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सरिस्का में मंगलवार को रखा जाए बंद

वहीं सरिस्का अभ्यारण्य को बुधवार को बंद रखा जाता है. वन्य प्रेमी इसे लेकर भी सवाल उठा रहे हैं. 'सरिस्का टाइगर फाउंडेशन' के संस्थापक दिनेश दुर्रानी ने राजस्थान के वन मंत्री को एक पत्र लिखा है. उन्होंने कहा, "यह पार्क बुधवार को बंद रहता है, जबकि मंदिर की वजह से बुधवार को सबसे ज़्यादा लोग आते हैं. सबसे व्यस्त दिन पार्क को खुला रखने से साप्ताहिक बंद के नियम का उद्देश्य ही विफल हो जाता है."

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