कांग्रेस ने लगाया विधानसभा में कैमरे लगा कर विपक्ष की जासूसी का आरोप, मंत्री सुमित गोदारा ने दिया जवाब 

कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि निजता के हनन का आरोप पूरी तरह निराधार है. निजता का हनन तो कांग्रेस सरकार में हुआ जब खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री के आदेश पर फोन रिकॉर्डिंग तक कराई गई. उन्होंने कहा कि भजनलाल सरकार में सब पारदर्शिता से हो रहा है और जनता इसे समझ चुकी है.

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मंत्री सुमित गोदारा

Rajasthan: विधानसभा में अतिरिक्त कैमरे लगाकर जासूसी करवाने के कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया है. कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा ने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस अब जनहित के मुद्दों से भटक चुकी है और नॉन-इश्यू को इश्यू बनाकर चर्चा में रहना चाहती है. गोदारा ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान भी सदन में यूट्यूब के जरिए लाइव टेलिकास्ट की व्यवस्था की गई थी.

उस समय भाजपा ने इसका विरोध नहीं किया था बल्कि तकनीक के उपयोग को जरूरी बताया था. उन्होंने सवाल उठाया कि जब स्पीकर वासुदेव देवनानी ने नए टैबलेट लगाए थे तब कांग्रेस विधायकों ने आपत्ति क्यों नहीं की.

वे कैमरे के सामने कुछ छिपाना चाहते हैं

मंत्री ने कहा कि नेताओं का जीवन सार्वजनिक होता है और सबकुछ पारदर्शी रहना चाहिए. कैमरे सिर्फ कांग्रेस विधायकों पर नहीं बल्कि सभी विधायकों की सुरक्षा के मद्देनजर लगाए गए हैं. अगर कांग्रेस को आपत्ति है तो इसका मतलब है कि वे कैमरे के सामने कुछ छिपाना चाहते हैं. गोदारा ने कांग्रेस सरकार पर फोन टैपिंग करवाने के आरोप भी दोहराए. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में एसीएस होम ने फोन टैपिंग करने से इनकार किया था तो उन्हें पद से हटा दिया गया और बाद में इनाम के तौर पर मुख्य सचिव बना दिया गया.

मुख्यमंत्री के आदेश पर फोन रिकॉर्डिंग तक कराई गई

मंत्री ने कहा कि निजता के हनन का आरोप पूरी तरह निराधार है. निजता का हनन तो कांग्रेस सरकार में हुआ जब खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री के आदेश पर फोन रिकॉर्डिंग तक कराई गई. उन्होंने कहा कि भजनलाल सरकार में सब पारदर्शिता से हो रहा है और जनता इसे समझ चुकी है. गोदारा ने विपक्ष से अपील की कि अगली बार जब विधानसभा सत्र हो तो वे हंगामा करने के बजाय ठोस विषय लेकर आएं और विकसित राजस्थान में सरकार के सहयोगी बनें.

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