ईआरसीपी को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट का दर्जा देने की मांग, 13 जिलों में यात्रा शुरू करेगी कांग्रेस

राजस्थान में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर कांग्रेस ने आक्रामक रुख अपना लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर से इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की है.

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अशोक गहलोत (फाइल फोटो)
जयपुर:

राजस्थान में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर कांग्रेस ने आक्रामक रुख अपना लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर से इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की है. बुधवार को उन्होंने कहा कि लोगों को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि इसके बनने से पूर्वी राजस्थान का सर्वांगीण विकास होगा.

कांग्रेस 25 सितंबर से 13 जिलों में यात्रा शुरू करेगी

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को लेकर दोनों दल लगातार आमने-सामने रहे हैं. अब कांग्रेस 25 सितंबर से 13 जिलों में यात्रा शुरू करने वाली है. इस यात्रा को जन आशीर्वाद यात्रा का नाम दिया गया है. यह यात्रा उन सभी 13 जिलों में जाएगी जो इस परियोजना के अंतर्गत आते हैं.

राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है. यह देश के क्षेत्रफल के 10% हिस्से में फैला हुआ है, लेकिन यहां भूजल सिर्फ 1.72% है. कैनाल परियोजना से राजस्थान की 40% से अधिक जनसंख्या को लाभ मिलेगा. 40,000 करोड़ की इस परियोजना की घोषणा 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने की थी.

झालावाड़ के किसानों को सीधा लाभ मिलेगा

नहर परियोजना के पूरा होने से अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा, जयपुर, अजमेर, टोंक, बूंदी, कोटा, बारां और झालावाड़ के किसानों को सीधा लाभ मिलेगा. इससे 2 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी.

भाजपा ने जनता को ठगा हैः स्वर्णिम चतुर्वेदी

कांग्रेस प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने बताया कि यह यात्रा भाजपा के वादाखिलाफी के खिलाफ है. भाजपा ने जनता को ठगा है. इतना वक़्त बीत जाने के बाद भी इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करने से स्पष्ट है कि बीजेपी राजस्थान के लोगों का हित नहीं चाहती है. 

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ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाएगा

कांग्रेस के इस आरोप को भाजपा ने खारिज कर दिया है. भाजपा नेता कहना है कि सरकार इस परियोजना को लेकर गंभीर है और इसे जल्द ही पूरा किया जाएगा. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कब तक इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाएगा.

यह परियोजना राजस्थान की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी. हालांकि, इस परियोजना को लेकर दोनों दलों में राजनीति जारी है. कांग्रेस इस परियोजना को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है, जबकि भाजपा इस परियोजना को लेकर गंभीर होने का दावा कर रही.

परियोजना का 86 विधानसभा सीटों पर सीधा असर

इस परियोजना का 86 विधानसभा सीटों पर सीधा असर है. फिलहाल इनमें से ज्यादा सीटें कांग्रेस के पास है. कांग्रेस इन सीटों पर अपनी मजबूत स्थिति को और मजबूत करना चाहती है. इसीलिए सरकार ने बजट में भी इस प्रोजेक्ट के लिए राशि की घोषणा की थी. कांग्रेस के नेता इस मुद्दे पर लगातार हमलावर रहे हैं.

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ERCP से 40% से अधिक आबादी को लाभ 

राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है. यह देश के क्षेत्रफल के 10% हिस्से में फैला हुआ है, लेकिन यहां भूजल सिर्फ 1.72% है. कैनाल परियोजना से राजस्थान की 40% से अधिक जनसंख्या को लाभ मिलेगा. 40,000 करोड़ की इस परियोजना की घोषणा 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने की थी. बीते कुछ समय से इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने कि मांग की जा रही है. ऐसा होने से 90% राशि केंद्र और 10% राशि राज्य को खर्च करनी होगी.

नहर परियोजना के पूरा होने से अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा, जयपुर, अजमेर, टोंक, बूंदी, कोटा, बारां और झालावाड़ के किसानों को सीधा लाभ मिलेगा. इससे 2 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी.

कांग्रेस और भाजपा में जारी है राजनीति

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना राजस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है. इस परियोजना के पूरा होने से राजस्थान के कई जिलों में सिंचाई और पेयजल की समस्या हल हो जाएगी. यह परियोजना राजस्थान की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी. हालांकि, इस परियोजना को लेकर दोनों दलों में राजनीति जारी है. कांग्रेस इस परियोजना को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है, जबकि भाजपा इस परियोजना को लेकर गंभीर होने का दावा कर रही.

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