Election 2024: रामगढ़ उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने बनाई कमेटी, पूर्व मंत्री समेत इन 5 नेताओं को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

Rajasthan Election 2024: राजस्थान की कुल 7 विधानसभा सीटों पर दिसंबर में उपचुनाव हो सकते हैं. इनमें से 5 सीटें विधायक के सांसद बनने के बाद खाली हुई हैं; जबकि अन्य दो सीटें मौजूदा विधायक के निधन के कारण खाली हुई हैं.

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Rajasthan News: राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Rajasthan PCC) के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने शुक्रवार को अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव (Ramgarh Assembly By-election 2024) के लिए कमेटी का गठन कर दिया है. इस कमेटी में पूर्व मंत्री ममता भूपेश, विधायक हाकम अली, कांग्रेस नेता ललित यादव, अलवर जिला अध्यक्ष योगेश मिश्रा, पीसीसी महासचिव जसवंत गुर्जर को शामिल किया गया है.

आधिकारिक आदेश जारी करते हुए कांग्रेस ने बताया है कि कमेटी के सभी सदस्य मिलकर रामगढ़ विधानसभा में होने वाले उपचुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी संगठन की मजबूती एवं समन्वय के लिए पार्टी गतिविधियों का संचालन करेंगे. नोटिफिकेशन के जरिए बताया गया है कि कमेटी ब्लॉक, मण्डल एवं बूथ स्तरीय कमेटियों का जरूरत के अनुसार गठन किया जाएगा. साथ ही संगठन की बैठकें आयोजित कर पार्टी की मजबूती के लिए कार्य किया जाएगा.

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14 सितंबर को हुआ था विधायक का निधन

यह सीट कांग्रेस विधायक जुबेर खान के निधन के बाद खाली हुई. 14 सितंबर की सुबह 5:50 बजे अलवर शहर के पास ढाई पेडी स्थित अपने फार्म हाउस में रामगढ़ विधायक ने आखिरी सांस ली. पार्टी पदाधिकारियों ने बताया कि एक साल पहले उनका लिवर ट्रांसप्लांट हुआ था. वह डेढ़ साल से बीमार थे. लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी. इसके बाद से ही वे बिस्तर पर थे और डॉक्टर की देखरेख में अपना इलाज करवा रहे थे.

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25 साल की उम्र में बन गए थे विधायक

जुबेर खान के गांधी परिवार से अच्छे संबंध थे. उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई अलवर में पूरी की और फिर दिल्ली चले गए, जहां उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. जुबेर खान के दो बेटे आदिल (29) और आर्यन (26) हैं. जुबैर खान 1990 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर अलवर के रामगढ़ से विधायक बने थे. उस समय उनकी उम्र 25 साल थी. 1993 में वे फिर विधायक बने और इसके बाद एनएसयूआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे. वे कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इसके बाद 2003 में वह एक बार फिर विधायक बने और उसके बाद विधानसभा में सचेतक रहे. हालांकि, 2008 और 2013 में वे चुनाव हार गए. 2018 के चुनाव में उनकी पत्नी साफिया खान को कांग्रेस ने टिकट दिया और वे जीत गईं. 2023 में जुबेर खान फिर से विधायक बने. जुबेर खान की पत्नी साफिया राजनीति में सक्रिय हैं और विधायक भी रह चुकी हैं. 

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7 सीटों पर होने हैं विधानसभा उपचुनाव

अब जुबेर खान की मौत के बाद राज्य में रिक्त हुई विधानसभा सीटों की कुल संख्या सात हो गई है. इसलिए अब सात सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होंगे. पांच सीटें पहले ही खाली हो गई थीं, क्योंकि मौजूदा विधायक लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए थे. हाल ही में छठी सीट, सलूंबर से भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा के निधन के कारण रिक्त हुई थी. जिन पांच सीटों पर विधायकों के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उपचुनाव होंगे उनमें दौसा, झुंझुनू, देवली उनियारा, खींवसर और चौरासी शामिल हैं.

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