कांग्रेस ने पेश की थी शिक्षा मंत्री की आपराधिक कुंडली, मदन दिलावर चुनौती देते हुए कहा- 'यह व्यक्तिगत नहीं'

राजस्थान में जहां कांग्रेस नेताओं को जेल भेजने की बात कही जा रही है. वहीं कांग्रेस की ओर से भी मोर्चा खोल दिया गया है. इस पर मदन दिलावर ने भी जवाब दिया है.

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Rajasthan Politics: लोकसभा चुनाव का रिजल्ट 4 जून को आने वाला है. वहीं लोकसभा चुनाव के ठीक बाद राजस्थान विधानसभा का सत्र शुरू होनेवाला है. ऐसे में राजस्थान में सियासत अभी से तेज हो गई है. जहां सीएम भजनलाल शर्मा लगातार पिछली गहलोत सरकार के मंत्रियों को जेल भेजने को लेकर बयान दे रहे हैं. वहीं बीजेपी सरकार के मंत्री भी कांग्रेस नेताओं पर जेल भेजने को लेकर निशाना साध रहे है. हालांकि, कांग्रेस भी पीछे नहीं रह रही है. शिक्षा मंत्री के बयान पर कांग्रेस ने उनकी आपराधिक कुंडली सामने रख दी है. इसके बाद सियासत तेज हो गई.

कांग्रेस नेता और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पर दर्ज मुकदमों का पूरा ब्योरा पेश कर दिया. वहीं डोटासरा ने पोस्ट पर लिखा कि

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'जिस राज्य का शिक्षा मंत्री स्वयं अपराध का अड्डा हो, वहां शिक्षा की दिशा और दशा क्या होगी? शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की आपराधिक कुंडली देखिए, 14 मामले दर्ज हैं. अगर कोर्ट से राहत नहीं मिली होती, तो मंत्री जी अभी जेल में मिलते! जैसा चरित्र वैसी वाणी! इसीलिए तो मंत्री जी, शिक्षा की बजाय हर वक्त अनर्गल और आधारहीन बयान देते रहते हैं.'
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मदन दिलावर ने डोटासरा के पोस्ट का दिया जवाब 

गोविंद सिंह डोटासरा के पोस्ट पर अब शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने भी पलटवार किया है. उन्होंने डोटासरा के एक्स पोस्ट पर जवाब देते हुए लिखा,

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सर्वप्रथम मैं यह चुनौती देता हूं कि मेरे ऊपर जितने भी मुकदमे कांग्रेस ने उल्लेख किए, क्या उनमें से एक भी मुकदमा मेरा व्यक्तिगत है? जवाब है ? ये सारे मुकदमे जनता के हितों के लिए, उनके संघर्ष को ताकत देने के लिए मेरे ऊपर दर्ज किए गए हैं. दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि पूर्व की कांग्रेस सरकार में कई मंत्रियों पर गंभीर मुकदमे थे, उन पर क्यों कांग्रेस और उसके शीर्ष नेतृत्व द्वारा चुप्पी साधी गई है?

आपको बता दें, मदन दिलावर के नाम पर 14 मामले दर्ज है. जिसमें 7 मामले कोटा में दर्ज किये गये हैं. जबकि 5 मामले रामगंजमण्डी, 1 मामला जयपुर और 1 मामला झालरापाटन में दर्ज किया गया है. वहीं यह सभी मामले साल 2018 से लेकर 2023 के बीच दर्ज किये गए हैं. यह सभी 14 मामले विभिन्न धाराओं के साथ दर्ज किये गए हैं.

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