Rajasthan Politics: देवली-उनियारा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार की रिहाई के लिए महापंचायत की तैयारी चल रही है. 29 दिसंबर को आंदोलन का ऐलान किया है. इसके लिए कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल लगातार सक्रिय हैं. मंगलवार (17 दिसंबर) को नरेश मीणा के समर्थकों के साथ प्रहलाद गुंजल ने गुप्त मंत्रणा की. मीडिया से दूरी बनाए रखी. नरेश मीणा के समर्थक मुकेश मीना ने बताया, "अगर प्रशासन ने समय रहते समझौता नहीं किया तो हाथ पैर फूल जाएंगे. हम अब बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं. तारीख 29 दिसम्बर तय है. जगह टोंक या जयपुर में से एक होगी. अगर जयपुर में हुआ तो सीएम आवास का घेराव करके विधानसभा की तरफ कूच करेंगे. टोंक में हुआ तो जिला कलेक्टर की तरफ कूच करने के साथ ही हाईवे जाम करेंगे. "
8 दिसंबर को भी दिया था अल्टीमेटम
मुकेश मीणा ने कहा, "हमारे पास खोने के लिए कुछ नहीं हैं, हमे टकराना भी पड़ा तो हम पीछे नहीं हटेंगे. अंजाम कुछ भी हो, प्रशासन की जितनी ताकत है वो लगा लेगा. हममे जितनी ताकत होगी हम लगा लेंगे." इसके पहले दिसंबर को भी नरेश मीणा के समर्थकों ने अल्टीमेटम दिया था. रविवार (8 दिसंबर) को सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा में मीणा धर्मशाला के पास एक सर्व समाज की महापंचायत हुई थी.
17 दिसंबर को आंदोलन करने की दी थी चेतावनी
किसान महासभा ने महपंचायत की थी. पंचायत में आए युवाओं ने कहा था कि नरेश मीणा के साथ इंसाफ नहीं हुआ तो जल्द ही राजस्थान में बड़ा आंदोलन किया जाएगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी. इस महापंचायत में मुख्य वक्ता के रूप में नेता प्रहलाद गुंजल पहुंचे थे. उन्होंने कहा था, "जनता की मांग है कि 15 दिसंबर तक नरेश मीणा और उनके साथियों को इंसाफ दिया जाए. मांग नहीं माने पर 17 दिसंबर से राजस्थान की सड़कों पर युवा वर्ग उतरने को मजबूर हो जाएगा."
नरेश मीणा की जमानत याचिका पर सुनवाई टली
मंगलवार 17 दिसंबर को नरेश मीणा का जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. टोंक जिला एवं सेशन कोर्ट में सुनवाई चल रही है. मिली जानकारी के अनुसार 17 दिसंबर को नरेश मीणा की जमानत याचिका केस डायरी नहीं पहुंचने के कारण टली. बताया गया कि नरेश मीणा की केस डायरी हाईकोर्ट में थी. सुनवाई के दौरान केस डायरी टोंक जिला एवं सेशन कोर्ट में नहीं पहुंच सकी. इस कारण नरेश मीणा सहित समरावता हिंसा के 18 अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई 23 दिसंबर के लिए टल गई.
13 नवंबर को एसडीएम को जड़ा था थप्पड़
टोंक जिले के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के दौरान 13 नवंबर को नरेश मीणा ने एक मतदान केंद्र के बाहर उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को कथित तौर पर थप्पड़ मारा था. साथ ही जान से मारने की धमकी भी दी थी. एसडीएम अमित कुमार चौधरी ने निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया था.
ईवीएम का लाइव वीडियो बनाया था
पीड़ित एसडीएम अमित कुमार चौधरी ने एफआईआर में लिखा कि देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान में जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश संख्या 15505 की पालन में तैनात था. वह बूथ संख्या 183 समरावता गांव में आए और ग्रामीणों के मतदान बहिष्कार के बीच निर्दलीय प्रत्याशी ने मतदाताओं को मतदान नहीं करने को उकसाया. उन्होंने मतदान कक्ष में जाकर अपनी फ़ेसबुक आईडी से ईवीएम मशीन का लाइव वीडियो बनाया. उन्होंने कई बार मतदान बूथ पर आकर गालियां दी और जान से मारने की धमकी भी. उन्होंने मुझे थप्पड़ मारा, मेरा गला दबाकर जान से मारने का प्रयास किया. एसडीएम अमित कुमार ने यह मामला नगरफोर्ट थाने में दर्ज कराया है.
राजस्थान पुलिस ने निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले बुधवार को जब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की तो मामले ने हिंसक रूप ले लिया. उनके समर्थकों ने पुलिस पर पथराव किया और कई जगह आगजनी भी की.
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