"कांग्रेस ने जीवन पर्यंत बांटने और तोड़ने की राजनीति की", गजेंद्र सिंह शेखावत ने SIR पर दिया जवाब

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र स‍िंह शेखावत ने कहा, "कांग्रेस पार्टी ने जीवन पर्यंत बांटने और देश को तोड़ने की राजनीति की. अपने राजनीतिक स्वार्थ को सर्वोपरि रखते हुए सभी निर्णय लिए. इसके अलावा कांग्रेस और कुछ सोच सकती है, बिल्कुल भी संभावना नहीं लगती है."

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केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखाावत.

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एसआईआर प्रक्रिया को लेकर विपक्ष के सवालों पर करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग संविधान में मिले अधिकारों के तहत इस कार्य को पूरा कर रहा है. गजेंद्र सिंह शेखावत ने जोधपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में कहा, "निष्पक्ष और सुचिता के साथ चुनाव हो व मतदाता सूची का समय पर पुनरीक्षण होता रहे, यह सब जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग की है.संविधान में मिले अधिकारों के तहत निर्वाचन आयोग इस कार्य को पूरा करता है.इसी तरह देश में अनेक बार मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण हुआ है."

"सिर्फ विकास की राजनीति चलेगी"

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "इस पार्टी और इसके मुखिया महाराष्ट्र चुनाव के बाद खुद आरोप लगा रहे थे कि मतदाता सूची में नामों में गड़बड़ी है. वे कभी हाइड्रोजन बम तो कभी एटम बम के नाम पर तमाम दावे करते रहे. जब एसआईआर प्रक्रिया शुरू हुई है तो वे इस पर भी राजनीति कर रहे हैं. लेकिन बिहार चुनाव के बाद जनता ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि देश में बांटने, तोड़ने और दुर्व्यहार की राजनीति नहीं चलेगी. सिर्फ विकास और देश को विकसित करने के लिए प्रेरित राजनीति चलेगी."

"12 राज्यों में चल रही एसआईआर"

उन्होंने यह भी कहा कि किसी को समझ नहीं आता है कि कई राज्यों में चुनाव बाकी हैं. मुझे लगता है कि बंगाल जैसे अन्य राज्यों में आने वाले समय में जनता फिर से जवाब देगी. सिर्फ 12 राज्यों में ही एसआईआर को लेकर उठे सवालों पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, "एसआईआर प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में कराई जानी है. अभी यह प्रक्रिया 12 राज्यों में चल रही है. इन 12 राज्यों में प्रक्रिया पूरी होने के बाद अन्य राज्यों में एसआईआर कराया जाएगा."

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने अस्तित्व से लेकर अब तक हमेशा अपना हर कदम राजनीति और सत्ता से प्रेरित होकर रखा. उन्होंने कहा, "वंदे मातरम गीत को भी कुछ लोगों ने अपनी सत्ता और कुर्सी के लिए बांटने का पाप किया. उसी पाप के साथ देश के विभाजन की नींव रखी गई थी."

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