Rajasthan Politics: 7-7 हजार में बिक रहे बच्चे, विधानसभा में मुद्दा गूंजा तो मंत्री बोले- 'मां-बाप ही बेचेंगे तो क्या ही कर सकते हैं'

Rajasthan Budget Session 2024: राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को कांग्रेस विधायक ने बच्चों की खरीद-फरोख्त का मुद्दा उठाया. उन्होंने बताया कि गर्भ में पल रहे बच्चों का सौदा किया जा रहा है. हजारों रुपये के लिए उन्हें बेचा जा रहा है. लेकिन पुलिस और अधिकारी आंखें मूंद कर बैठे हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को कांग्रेस विधायकों ने दो ऐसे मुद्दे उठाए जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर आकृषित कर लिया. पहला मुद्दा प्रदेश में भजनलाल सरकार बनने के बाद दर्ज हुए महिला उत्पीड़न के मामलों का था, जिस पर मंत्री का जवाब सुनकर सभी हैरान रह गए. वहीं, दूसरा मुद्दा आदिवासी इलाकों में बच्चों की खरीद फरोख्त से जुड़ा था, जिस पर मंत्री का जवाब आने के बाद हंगामा शुरू हो गया.

'6 महीने में महिला अपराध के 20 हजार केस'

पहला मुद्दा प्रश्नकाल की कार्यवाही के दौरान बामनवास विधानसभा सीट से कांग्रेस इंदिरा मीणा ने उठाया था. उन्होंने सदन में सरकार से पूछा था कि पिछले 6 महीने में राजस्थान में महिला उत्पीड़न के कितने मामले दर्ज हुए हैं, और इस प्रवत्ति के क्राइम को रोकने के लिए भजनलाल सरकार क्या कदम उठा रही है? सदन में इसका जवाब देते हुए चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह ने कहा, '1 जनवरी 2024 से 30 जून 2024 तक प्रदेश में महिला उत्पीड़न के कुल 20 हजार 776 मामले दर्ज हुए हैं. सबसे ज्यादा 881 मामले अलवर में आए हैं. जबकि भरतपुर इस मामले में दूसरे नंबर पर है.' इस दौरान महिल अपराध रोकने के मंत्री ने कांग्रेस सरकार की योजनाओं को गिना दिया, जिसके बाद सदन में खूब हंगामा हुआ.

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'गर्भ में पल रहे बच्चों तक का किया जा रहा सौदा'

दूसरा मुद्दा शून्यकाल की कार्यवाही के दौरान बूंदी सीट से कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने उठाया. उन्होंने बताया कि बच्चों की आदिवासी क्षेत्र में दलाल सक्रिय है, जो बच्चों की खरीद-फरोख्त जैसे वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. वे लोग गर्भ के बच्चों तक का सौदे कर रहे हैं. 6 दिन की बेटियों को 7 हजार में बेचा गया है. 20 बच्चों को 40 और 50 हजार रुपये में बेच दिया गया है. जिन 5 आदिवासी गांव में यह सब हो रहा है वो एक मंत्री महोदय के विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं. इसके बाद भी पुलिस क्यों चुप थी? अधिकारी क्यों चुप थे? क्यों कार्रवाई नहीं हुई?'

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'मां-बाप ही बच्चे को बेचें तो क्या ही कर सकते हैं'

विधायक के इस सवाल का जवाब देते हुए भाजपा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा, 'बच्चों के खरीद-फरोख्त की घटना दुखद है. लेकिन मां-बाप ही बच्चों को बेचने लग जाएं तो कौन क्या कर सकता है? अभी तक कुल 7 प्रकरण दर्ज हुए हैं. 6 प्रकरण 2023 में दर्ज हुए, जबकि 1 प्रकरण 2024 में दर्ज हुआ है. इसमें सरकार कोई सी भी हो, समाज की जागरूकता की जरूरत है. हमारी पुलिस पूरी तरह अलर्ट है.' यह जवाब सुनकर सदन में हंगामा होने लगा और नेता प्रतिपक्ष ने पूछ लिया कि क्या आपके मंत्री इसलिए ही कह रहे थे कि बच्चे ज्यादा पैदा करो?

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