Rajasthan Bypoll: राजस्थान में उपचुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने 14 नेताओं के बीजेपी में शामिल होने को लेकर बीजेपी पर पलटवार किया है. कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी ने उपचुनाव में अपनी स्थिति को कमज़ोर होता हुआ देख कर तोड़-फोड़ का रास्ता अपनाया है. उसने आरोप लगाया कि बीजेपी डबल इंजन सरकार के नाम पर विपक्षी नेताओं को डरा-धमका कर अपनी पार्टी में शामिल करवा रही है. मगर बीजेपी ने इस आरोप को निराधार बताया है और कहा है कि कांग्रेस में गुटबाज़ी के कारण फूट है और वो अपनी पार्टी के नेताओं को संभाल नहीं पा रही है. सोमवार (4 नवंबर) को जयपुर में बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय में नागौर और सवाई माधोपुर के 14 वरिष्ठ कांग्रेस नेता बीजेपी में शामिल हो गए थे.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योति मिर्धा की उपस्थिति में इन नेताओं को पार्टी में शामिल किया गया. नागौर की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने वाले नागौर कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष सुखवीर सिंह चौधरी ने सरपंच, जिला परिषद सदस्य, पूर्व सदस्यों के साथ भाजपा परिवार की सदस्यता ग्रहण की.
'बीजेपी चुनाव के समय तोड़-फोड़ की राजनीति करती है'
राजस्थान कांग्रेस के प्रवक्ता प्रियदर्शी भटनागर ने एनडीटीवी से कहा," बीजेपी को विश्वास हो गया है कि वो सातों सीटें हार गई है. इसलिए वो मुद्दे की राजनीति को छोड़ कर, तोड़-फोड़ की राजनीति पर आ गई है. चुनाव आते ही ऐसी कौन सी परिस्थितियां बन जाती हैं कि ये तोड़-फोड़ जारी हो जाती है.
उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आते ही ईडी और इनकम टैक्स का डर दिखाया जाता है और नोटिस भेजे जाते हैं. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा," ये डबल इंजन के नाम पर डर दिखाते हैं. ये डबल इंजन की सरकार पिछले 11 महीने में कोई काम नहीं कर पाई है इसलिए ये तोड़-फोड़ की राजनीति कर रहे हैं."
'बीजेपी का एक भी नेता बाग़ी नहीं हुआ, 99 परसेंट कांग्रेसी हैं'
हालांकि बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस अपने नेताओं को संभाल नहीं पा रही इसलिए वो पार्टी छोड़ रहे हैं. बीजेपी प्रवक्ता महिपाल महला ने कहा,"99 परसेंट लोग ज्वाइन करने वाले कांग्रेस के हैं, जो बीजेपी में आ रहे हैं. पूरे सातों जगह भाजपा का एक भी बड़ा नेता नहीं गया, एक भी नेता बागी नहीं हुआ. ये अनुशासित नेताओं की पार्टी है." बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि उपचुनाव में सभी सात सीटों पर जीत होगी और जनता प्रदेश में भजनलाल सरकार के शानदार प्रदर्शन पर मुहर लगाएगी.
कांग्रेस प्रवक्ता ने इस पर सफाई देते हुए कहा, "जो छोड़ कर गए हैं वो सब कांग्रेस के पदाधिकारी हैं, ऐसे में उनकी क्या नाराज़गी हो सकती है? नाराज़गी तो उनकी होनी चाहिए, जिन्हें कोई पद नहीं मिला हो. इसका साफ संकेत ये है कि ये पद पर रहे कांग्रेस के लोगों को तोड़-फोड़ कर ले जा रहे हैं."
'नेता चले गए, हम स्वागत करते हैं'
प्रवक्ता प्रियदर्शी भटनागर ने कहा कि उनकी पार्टी को इससे कोई नुकसान नहीं होगा और ये अच्छा हुआ कि उनके नेताओं ने पाला बदल लिया. उन्होंने कहा,"अगर कोई अपनी पार्टी छोड़ कर जाता है, तो हम इसका स्वागत करते हैं. हम ऐसी टूट का स्वागत करते हैं, जो लोग अपने हित को पार्टी हित से बड़ा मानते हैं, उनका चले जाना ही बेहतर है."
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले भी ऐसी ही तोड़-फोड़ हुई थी लेकिन कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया. इस साल हुए लोकसभा चुनाव में राजस्थान की 25 सीटों में से बीजेपी 14 सीटें ही जीत सकी जबकि 2019 के चुनाव में उसने सभी 25 सीटों पर कब्ज़ा किया था. कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने चुनाव में 11 सीटें जीतीं.
प्रवक्ता प्रियदर्शी भटनागर ने कहा,"लोकसभा चुनाव के समय भी इन्होंने डर दिखाकर 10 हज़ार से ज़्यादा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और नेताओं को तोड़ कर अपनी पार्टी में लिया था. लोकसभा चुनाव से भी इन्होंने सीख नहीं ली, और इस बार भी जनता में इसका उल्टा संदेश जा रहा है. बीजेपी के सातों उम्मीदवार हारेंगे."
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