राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस का धरना होगा पूरी रात, टीकाराम जूली ने कहा- 'यह संवैधानिक संकट है'

राजस्थान विधानसभा में हंगामे के बाद विपक्ष धरने पर बैठ गई है. विधायक मुकेश भाकर के निलंबित होने के बाद रात भर धरने पर बैठेंगे.

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Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा में सोमवार (5 जुलाई) को जोरदार हंगामा हुआ. इतना ही नहीं हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विधायक मुकेश भाकर को सदन से निलंबित कर दिया. इसके बाद हंगामा और भी बढ़ गया. दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया है. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस व‍िधायकों के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दो बार आधे-आधे घंटे के लिए स्थगति की. इसके बाद पीठासीन अधिकारी संदीप शर्मा ने कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी. इसके बाद कांग्रेस विधायक विधानसभा के बाहर पूरी रात धरना देने का ऐलान किया है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा है कि यह राजस्थान में संवैधानिक संकट है.

दरअसल, लोक अभियोजकों (PP) की नियुक्ति भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के बजाय दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धाराओं के तहत किए जाने को लेकर हुए हंगामे के बीच कार्यवाही स्थगित कर दी गई. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भोजनावकाश के बाद लोक अभियोजकों की नियुक्ति का मुद्दा सदन में उठाया और इसको लेकर सरकार से जवाब की मांग की.

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देश में सीआरपीसी 30 जून को समाप्त हो चुकी है और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) एक जुलाई से लागू हो चुकी है. यानी एक जुलाई के बाद देश में नागरिक व पुलिस इस संहिता को मानने के लिए बाध्य हैं. लेकिन राजस्थान सरकार के विधि सचिव द्वारा 12 जिलों में राजकीय अधिवक्ता नियुक्त किए गए हैं जो सीआरपीसी की धारा 24 (2) के तहत किए गए हैं जबकि यह नियुक्ति बीएनएसएस की धारा 18 के तहत की जानी चाहिए थी.- टीकाराम जूली, नेता प्रतिपक्ष

उन्होंने कहा,“इस पर सरकार का जवाब आना चाहिए था. संविधान के नियम 256 के तहत राज्य सरकार बाध्य है कि भारत सरकार के कानूनों का पालन करेगी.”

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बिना किसी का नाम लिए जूली ने आरोप लगाया कि एक मंत्री के बेटे को लोक अभियोजक नियुक्त किया गया है. इसपर सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि व्यक्ति की नियुक्ति योग्यता के आधार पर हुई होगी और मंत्री का बेटा होना कोई अपराध नहीं है.

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विधानसभा में पहुंचा टिफिन और तकिया

कांग्रेस विधायक सदन में रातभर धरना देंगे. इसके लिए विधायकों के लिए टिफिन, तकिया और गद्दे सदन पहुंचाए गए हैं. सदन के अंदर ही विधायक धरने पर बैठ गए हैं.

रात भर देंगे धरना

मुकेश भाकर के निलंबन पर टीकाराम जूली ने कहा, सरकार के सामने संवैधानिक संकट है. सरकार ने पीपी और एपीपी की नियुक्ति पुराने कानून यानी सीआरपीसी के तहत की है,  इसलिए वह नियुक्ति शून्य हो जाती है. अब देश में सीआरपीसी की जगह नए अपराधिक कानून लागू हो चुके हैं. हमने आसान से यह मांग की थी कि इस पर सरकार का जवाब आ जाना चाहिए. लेकिन सरकार इस पर कोई जवाब नहीं देना चाहती. सत्ता पक्ष के लोग हमें उकसाते हैं. जिससे गतिरोध उत्पन्न हो जाता है. नियमों के तहत हमें जो अधिकार प्राप्त है. हम उसी के तहत अपनी बात रख रहे हैं. जो चीज गलत होगी हम उसका विरोध करेंगे. हमारे सदस्य मुकेश भाकर को बाहर निकाला गया है जो निंदनीय है. जब मैं बोल रहा था तो सत्ता पक्ष के सदस्य दूसरी तरफ से बोल रहे थे. जिसे बैठने के लिए हमारे विधायक ने कहा था. ऐसे में हमारे विधायक पर जो कार्रवाई हुई है वह गलत है. सदन में कानून और नियमों की धज्जियां उड़ी है. हम सदन में बैठ कर रात भर धरना देंगे.

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