Ethanol factory in Hanumangarh: हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी क्षेत्र के राठीखेड़ा गांव में करीब 450 करोड़ रूपये की प्रस्तावित एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर दो दिन पहले हुई महापंचायत के बाद हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं. महापंचायत के बाद हुए बवाल को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी कल से ही इलाके में डटे हुए हैं. वहीं सादुलशहर के भाजपा विधायक गुरवीर सिंह बराड़ लगातार किसानों से बातचीत कर समाधान निकालने की कोशिश में लगे हैं. गुरुवार देर रात वे टिब्बी स्थित गुरुद्वारे पहुंचे, जहां किसानों ने साफ कहा कि वे किसी भी हालत में इस इलाके में एथेनॉल फैक्ट्री स्थापित नहीं होने देंगे.
किसानों का आरोप है कि आंदोलन के दौरान उन पर लाठियां बरसाई गईं और प्रशासन ने आंदोलन को कुचलने की कोशिश की, जिससे किसानों में गहरा आक्रोश है. किसानों ने कहा कि वे अपने क्षेत्र को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं, चाहे उन पर लाठियां चलें, गोलियाँ चलें, मुकदमे दर्ज हों या जेल भेज दिया जाए, लेकिन फैक्ट्री का विरोध जारी रहेगा.
17 दिसंबर को जिला कलेक्ट्रेट पर बड़ी महापंचायत बुलाई गई
किसान नेताओं ने यह भी बताया कि 17 दिसंबर को जिला कलेक्ट्रेट पर बड़ी महापंचायत बुलाई गई है. इसमें किसान नेता राकेश टिकैत के शामिल होने का भी दावा किया गया है. किसानों का कहना है कि 17 तारीख को वे आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे और फैक्ट्री को यहां से किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट करने की मांग दोहराएंगे. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि फैक्ट्री पर पुनर्विचार नहीं हुआ तो आगे की जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी.
सरकार के प्रतिनिधियों से लगातार चर्चा में जुटे हुए हैं
उधर, भाजपा विधायक गुरवीर सिंह बराड़ देर रात से ही किसानों से वार्ता कर रहे हैं. गुरुद्वारे में किसानों से मुलाकात के दौरान उन्होंने विरोध, आंदोलन और किसानों की मांगों को विस्तार से समझा. इसके बाद शुक्रवार सुबह से वे जिला प्रशासन, भाजपा पदाधिकारियों और सरकार के प्रतिनिधियों से लगातार चर्चा में जुटे हुए हैं.
पर्यावरण संबंधी पहलुओं की दोबारा समीक्षा करने के निर्देश
गुरवीर सिंह बराड़ का कहना है कि प्रदेश की भजनलाल शर्मा सरकार की प्राथमिकता किसान हित है और सरकार पहले ही कई किसान हितैषी निर्णय ले चुकी है. उन्होंने बताया कि एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर प्रशासन को ग्राउंड वाटर और पर्यावरण संबंधी पहलुओं की दोबारा समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं. बराड़ ने स्पष्ट किया कि इस प्रोजेक्ट पर अंतिम निर्णय किसान हित को सर्वोपरि रखते हुए ही लिया जाएगा.
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