Rajasthan: सड़कों पर उतरे हजारों किसान और मजदूर, फसल मुआवजे और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर बड़े आंदोलन की चेतावनी

राजस्थान के सीकर में माकपा ने फसल बर्बादी का मुआवजा, पीने के पानी की कमी, बेरोजगारी व कानून व्यवस्था पर तीखा विरोध जताया जिसे लेकर कृषि मंडी में हजारों किसान-मजदूरों की विशाल सभा हुई है.

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सीकर में माकपा ने किया जोरदार प्रदर्शन.

Rajasthan News: राजस्थान के सीकर जिले में गुरुवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने किसानों की फसल बर्बादी पर मुआवजा, पीने के पानी की कमी, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था जैसे बड़े मुद्दों पर जोरदार विरोध जताया. जयपुर रोड पर स्थित कृषि उपज मंडी में हुई इस विशाल आमसभा में हजारों किसान, मजदूर, युवा महिलाएं और पार्टी कार्यकर्ता शामिल हुए. सभा की अगुवाई माकपा के पोलित ब्यूरो सदस्य एवं सांसद अमराराम राज्य कमेटी सचिव किशन पारीक और पूर्व विधायक पेमाराम ने की. लोगों ने केंद्र और राज्य सरकार को आम लोगों के खिलाफ बताते हुए तीखे हमले किए. वक्ताओं ने कहा कि सरकार जल्द इन समस्याओं का हल निकाले वरना बड़ा आंदोलन होगा.

सभा में गूंजे सरकार विरोधी नारे

सभा में आए हजारों लोगों ने हाथों में तख्तियां लेकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए. वक्ताओं ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार को किसान युवा दलित और महिलाओं का दुश्मन करार दिया. उन्होंने मांग की कि फसल बर्बादी का पूरा मुआवजा दिया जाए किसानों का सारा कर्ज माफ हो. पीने के पानी की समस्या का तुरंत समाधान हो महंगाई पर काबू पाया जाए और पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटाया जाए. सभा में कानून व्यवस्था की खराब हालत पर भी गुस्सा जाहिर किया गया. लोगों ने कहा कि सरकार बदले की भावना से काम कर रही है जो चिंता की बात है.

अमराराम ने लगाए गंभीर आरोप

सांसद अमराराम ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान में सरकार जैसी कोई चीज नहीं बची है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने शेखावाटी संभाग और नीमकाथाना जिले को खत्म कर दिया. जल जीवन मिशन योजना के लिए 8 हजार करोड़ रुपये की योजना ठप पड़ी है. दो साल हो गए लेकिन सीकर और झुंझुनू को एक रुपया भी नहीं मिला. मुख्यमंत्री नौ बार सीकर आए लेकिन सिर्फ बातों से पानी पिलाने की कोशिश कर रहे हैं. अमराराम ने बताया कि मानसून में शेखावाटी की फसलें बुरी तरह बर्बाद हुईं लेकिन सरकार ने मुआवजा नहीं दिया. सीकर में 50-60 प्रतिशत फसलें नष्ट हुईं पर सरकार सिर्फ तीन प्रतिशत बता रही है. एमएसपी पर फसलों की खरीद भी ठीक से नहीं हो रही. 

यह हैं मुख्य मांगे:- 

1.फसल खराबा का पूरा मुआवजा दो, किसानों का सम्पूर्ण कर्जा माफ करो.
2.सीकर जिले के सभी गांवों व कस्बे में पेयजल की उचित व्यवस्था करो.
3.जल जीवन मिशन योजना में राज्य सरकार अपने हिस्सों का आधा पैसा 4000 करोड़ रुपए जमा करवाए.
4.बिजली के निजीकरण पर रोक लगाई जाये.
5.सभी विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती की जाये, नये रोजगार सृजन कर बेरोजगारी खत्म करो.
6.महंगाई पर रोक लगाई जाये, पेट्रोल डीजल पर टैक्स कम किया जाये.
7.दलितों, अल्पसंख्यकों व महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों पर रोक लगाई जाए.

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