Rajasthan Old Recruitment Cancelled: राजस्थान सरकार ने प्रदेश में बड़ी छटनी कर दी है. अब इन सहायक आचार्यों को इस तरह से हटाए जाने पर उनके सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया. कॉलेजों से हटाए गए शिक्षक सरकार पर रोजगार छिनने और बेरोजगार कर देने का आरोप लगा रहे हैं. पीड़ित शिक्षक आज कोटा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के कैंप कार्यालय पहुंचे. वापस कॉलेज में अस्थाई शिक्षक तैनात करने का मांग पत्र दिया. शिक्षकों ने कहा उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने भरोसा दिलाया था किसी शिक्षक को नहीं हटाया जायेगा. हालांकि इनकी सेवाएं फरवरी में माह में ही समाप्त कर दी गईं.
कॉलेजों में आया पढ़ाई का संकट
शिक्षक हटने के बाद इन कॉलेजों में पढ़ाई पर संकट आ गया है. कॉलेजों में प्रथम वर्ष में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई कराई जा रही है. ऐसे में इन कॉलेजों में अभी प्रथम सेमेस्टर की ही परीक्षाएं हो पाई हैं. सेकेंड सेमेस्टर के तहत पढ़ाई जारी है और परीक्षाएं होना बाकी है. अस्थायी शिक्षक हटने के बाद सवाल है कि कॉलेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई कैसे पूरी होगी और स्टूडेंट्स एग्जाम कैसे देंगे. खास बात है कि प्रदेश में सैकड़ों कॉलेज ऐसे हैं जहां स्थाई शिक्षक ही नहीं है. ऐसे में इन कॉलेजों में ताले लटक गए हैं. कई कॉलेज केवल प्रिंसिपल के भरोसे रह गए.
1130 लोगों को सता रहा रोजगार का डर
पीड़ित सहायक आचार्य महिलाएं कह रही है कि बीच सत्र में 1130 साथियों को बेरोजगार कर दिया, अब वह लोग कहां जाएं. प्राइवेट कॉलेज पूर्व में उन लोगों ने छोड़ दिया थे, वह लोग कहीं के नहीं रहें. सैकंड सेमेस्टर की अभी पढ़ाई प्रारम्भ हुई नहीं तो स्टूडेंट्स बिना पढ़े कैसे परीक्षा देंगे. पीड़ित सहायक आचार्य ने कहा सरकार ने अश्वासन दिया है कि शीघ्र समय बढ़ा रहे हैं. अब तक आदेश नहीं आया है. मांग पूरी नहीं हुई तो जयपुर में धरना देंगे.
जारी नहीं हुआ आदेश, मौखिक रूप से दी गई सूचना
पिछली अशोक गहलोत सरकार ने सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए विद्या संबल योजना शुरू की थी. उक्त योजना के तहत कॉलेजों में अस्थाई शिक्षक लगाए गए थे. ये शिक्षक सहायक आचार्य पद पर कार्यरत थे. लेकिन अब कॉलेज आयुक्तालय ने 1130 शिक्षकों को कार्यमुक्त कर दिया है. हालांकि आयुक्तालय की ओर से अभी कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं, लेकिन मौखिक तौर पर सभी को सूचना दे दी गई है, ऐसा भी कहा जा रहा है.
विरोध में अस्थाई शिक्षक
कॉलेजों से हटाए जाने के बाद अस्थाई सहायक आचार्य ने विरोध शुरू कर दिया है. शिक्षकों ने दो मार्च से प्रदेश में आंदोलन की चेतावनी दी थी. लेकिन शिक्षकों को आश्वासन दिया गया कि सरकार जल्द ही निर्णय लेगी. इसके बाद शिक्षकों ने आंदोलन रोक दिया. कॉलेजों में अस्थाई शिक्षकों की नियुक्ति यूजीसी के प्रावधानों के तहत की जाती है.
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