नाक से अलगोजा बजाकर रचा इतिहास, लोक कलाकार रामनाथ को मिलेगा राष्ट्रीय सम्मान

रामनाथ चौधरी कोई साधारण कलाकार नहीं हैं, वह दुनिया के पहले ऐसे कलाकार हैं जो नाक से अलगोजा बजाने की दुर्लभ कला में निपुण हैं.

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दिया कुमारी से पुरस्कार लेते

Rajasthan News: राजस्थान की लोकधुनों को दुनिया भर में पहचान दिलाने वाले चाकसू क्षेत्र के गांव बाड़ा पदमपुरा निवासी अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त अलगोजा वादक रामनाथ चौधरी ने शनिवार को सचिवालय में राज्य की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी से भेंट की. अपनी कला, उपलब्धियों और जीवन संघर्ष से अवगत कराते हुए उन्होंने आग्रह किया कि केंद्र सरकार द्वारा उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाए.

रामनाथ चौधरी कोई साधारण कलाकार नहीं हैं, वे दुनिया के पहले ऐसे कलाकार हैं जो नाक से अलगोजा बजाने की दुर्लभ कला में निपुण हैं. साथ ही उनका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स एवं इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है. अपनी 12 फीट लंबी ऐतिहासिक मूंछों, कच्ची घोड़ी नृत्य, परंपरागत वेशभूषा और अनूठे वादन से वे देश-विदेश में राजस्थान की सांस्कृतिक पहचान बन चुके हैं.

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उन्होंने अपने कार्यों के दस्तावेज, पुरस्कारों की सूची और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दिए गए योगदान की जानकारी उपमुख्यमंत्री को सौंपी. इस पर उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि "राजस्थान की लोककलाएं हमारी आत्मा हैं, और रामनाथ जी जैसे कलाकार हमारी पहचान. सरकार उनकी कला को देश के सर्वोच्च मंच तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी."

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उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार केंद्र को सिफारिश भेजेगी, जिससे उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर लोककला क्षेत्र में पदक/सम्मान दिलाया जा सके. साथ ही, उन्होंने यह भी संकेत दिया कि रामनाथ चौधरी को राजस्थान सरकार द्वारा भी विशेष राज्य सम्मान दिया जाएगा.

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रामनाथ चौधरी की प्रमुख उपलब्धियां

01- 12 फीट लंबी मूंछों और नाक से अलगोजा वादन में विश्व रिकॉर्ड.
02- 668वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में "टर्टल" (कछुआ) और "वॉटर जर्नी" (2021) फिल्मों में मुख्य भूमिका.
03- अमेरिका के राष्ट्रपति से लेकर भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तक के समक्ष कला प्रदर्शन.
04- G-20, NCERT, पर्यटन विभाग और कई पुस्तकों, फिल्मों व पोस्टरों में उनका योगदान दर्ज.
05- ऑस्ट्रेलिया की प्रसिद्ध पत्रिका "Get Lost" के कवर पेज पर स्थान.
06- दूरदर्शन से लेकर अंतरराष्ट्रीय चैनलों तक लोककला का वैश्विक प्रसार और देश-विदेश में इस कला का प्रदर्शन इत्यादि.

उनकी इस अद्भुत लोक कला और दस्तावेजों को देखकर उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि रामनाथ चौधरी सिर्फ एक कलाकार नहीं, बल्कि राजस्थान की आत्मा के वाहक हैं. उनकी नाक से फूंक कर बजाई गई धुनों में राजस्थान की मिट्टी की गूंज सुनाई देती है. उनकी मुलाकात और सरकार का सकारात्मक रुख निश्चित तौर पर लोककलाओं को मुख्यधारा में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.

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