50 लाख रुपये की ठगी करने वाले दो युवक डीडवाना से गिरफ्तार, देशभर में 100 से अधिक वारदात को दी अंजाम

दोनों आरोपी डेबिट व क्रेडिट कार्डों से ऑनलाइन मैजिक पिन साइट पर विभिन्न कंपनियों के कूपन खरीद कर लोगों से ठगी करते थे.

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Rajasthan News: हरियाणा के पानीपत की साइबर थाना क्राइम पुलिस ने फर्जी वेबसाइट और ऐप के माध्यम से 50 लाख रुपए की ठगी करने वाले दो साइबर ठगों को डीडवाना से गिरफ्तार किया है. दोनों ही आरोपी अंकुश और अखिलेश उर्फ अखिल मूल रूप से डीडवाना के रहने वाले हैं. हरियाणा पुलिस दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें पानीपत ले गई.  आरोपी अखिलेश को कोर्ट ने तीन दिन की पुलिस डिमांड पर भेजा, जबकि दूसरे आरोपी अंकुश को 2 दिन की रिमांड पूरे होने पर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. 

कब्जे से लैपटॉप और मोबाइल बरामद

कार्रवाई में पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से चार लैपटॉप और 10 मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं. दोनों आरोपियों पर कई राज्यों में साइबर ठगी की 100 से अधिक वारदातें कर लोगों से 50 लाख रुपए ठगने का आरोप है. जानकारी के अनुसार, पानीपत के साइबर क्राइम थाना में कुसुम नामक एक महिला ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, जिसमें उसने बताया था कि 30 मई को उसके बैंक खाते से 5 ट्रांजैक्शन कर 50,000 रुपए किसी अन्य खातों में ट्रांसफर करवा लिए गए.

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मोबाइल पर पैसे कटने का मैसेज आने पर उसे इस बात की जानकारी मिली. इसके बाद साइबर पुलिस ने बैंक से डिटेल निकलवाकर खातों की जांच की, जिसमें कई बातें सामने आई. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने डीमार्ट नाम की फर्जी वेबसाइट बना रखी थी, जिससे वे घरेलू सामान पर डिस्काउंट ऑफर देते थे. ज्यादा से ज्यादा लोग उनकी साइट को देख सकें, इसके लिए आरोपी टेलीग्राम, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर विज्ञापन भी चलाते थे.

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ऐसे करते थे लोगों से ठगी

इन विज्ञापनों पर लुभावने ऑफर देखकर लोग सामान खरीदने के लिए साइट पर विजिट करते और सामान खरीदते थे. इस दौरान आरोपी सामान की पेमेंट केवल क्रेडिट व डेबिट कार्ड से लेते थे. इस दौरान कार्ड की सारी जानकारी लेकर ग्राहक को ऑर्डर सक्सेस होने का फर्जी मैसेज साइट पर दिखाने के साथ ही मोबाइल पर भी भेज देते थे. इसी दौरान ऑर्डर की डिलीवरी ट्रैकिंग करने का ग्राहक को झांसा देकर उनके मोबाइल में फर्जी ऐप डाउनलोड करवा कार्ड व एसएमएस को सक्सेस पर ले लेते थे. दोनों आरोपी डेबिट व क्रेडिट कार्डों से ऑनलाइन मैजिक पिन साइट पर विभिन्न कंपनियों के कूपन खरीद कर लोगों से ठगी करते थे. कूपन को बाद में टेलीग्राम जैसी साइट पर ग्रुप से जुड़े लोगों को आधे रेट पर बेचकर फर्जी खातों में पैसे ट्रांसफर करवा लेते थे.

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