
Rajasthan News: सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी कंपनियों में इन्वेस्ट करके अपने जीवन भर की पूंजी गंवा चुके झालावाड़ जिले के लोग इन दिनों मिनी सचिवालय के सामने धरना दे रहे हैं. धरने को 3 सप्ताह से अधिक का समय हो गया है. धरना दे रहे लोगों ने समस्या का समाधान नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है. उन्होंने बताया कि विभिन्न कंपनियों में पैसा इन्वेस्ट करके अपनी पूंजी गंवाने वाले लोगों की संख्या झालावाड़ जिले में 8 से 10 लाख के करीब है.
कानून बनने के बाद भी नहीं कोई फायदा नहीं
इनका कहना है कि बीते दौर में सरकार ने ऐसी सभी कंपनियों को बंद करके सेबी का गठन किया और इन सब कंपनियों की सभी संपत्तियों को अपने कब्जे में कर लिया और शीघ्र निवेशकों को उनका पैसा लौटाने की बात कही. जिसके लिए बट्स नामक कानून भी बनाया गया. लेकिन लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ है.
गंवा बैठे मेहनत से कमाया हुआ सारा पैसा
कई लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई गंवा दी है तो कई आत्महत्या भी कर चुके हैं. धरना प्रदर्शन कर रहे पीड़ित लोगों ने बताया कि जिले में करीब 10 लाख लोग निजी कंपनियों की ठगी का शिकार हुए हैं. पीड़ितों ने एफडी के नाम पर अपनी जिंदगी भर की कमाई निजी कंपनियों में निवेश कर दिया. जिससे उनके बच्चों के भविष्य बनाने में काम आ सके, लेकिन उनका पैसा फंस गया.
180 दिन में जमा राशि व्याज सहित वापस दिलाने की मांग
पीड़ितों ने केंद्र सरकार से उनका पैसा ब्याज सहित दिलाने की मांग की है. इसे लेकर वे 22 दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन आज तक कोई उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है. सहारा इंडिया, पल्स और दर्जनों ऐसी अन्य कंपनियों से पीड़ित लोग हैं जो बंद हो गई है.
संसद ने 2019 अनियमित योजनाएं पाबंदी कानून 2019 (बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम एक्ट 2019) बनाकर ठग कंपनी और ठग सोसाइटी में ड्रबी जमा राशि 180 दिन में जमा राशि के 2-3 गुना वापस दिलाने का अधिकार दिया था, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है.
मामला केंद्र सरकार से संबंधित
मामले में जिला कलेक्टर का कहना है कि लोगों द्वारा ज्ञापन दिया गया है, जिसको उन्होंने आगे भिजवा दिया है. यह मामला केंद्र सरकार से संबंधित हैं. कलेक्टर ने अपने दफ्तर में बुलाकर धरने पर बैठे लोगों से बातचीत भी की, जिसमें उन्होंने बताया कि बर्ड्स कानून वर्ष 2019 में सरकार ने बनाया था. लेकिन प्रभावी रूप से उसको लागू नहीं किया गया है. ऐसे में सभी निवेशकों का पैसा फसा हुआ है.
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