Cyber Fraud News: देशभर में साइबर ठगी के लिए नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं. जालसाज पहले ओटीपीए के जरिए बैंक खाते से रुपये निकालकर ठगी को अंजाम देते थे. वहीं, अब बिना ओटीपी चंद सेकेंड में बैंक खाते से रकम गायब हो जा रही है. लोगों की एक गलती और लिंक पर क्लिक करते मोबाइल का सारा एक्सेस ठगों के पास चला जाता है. लिंक पर क्लिक करने से होने वाली ठगी के बारे में साइबर एक्सपर्ट श्याम चंदेल कहते हैं कि ज्यादातर केस डॉट एपीके के आ रहे हैं. यानी सिर्फ एक लिंक पर क्लिक करने से पूरा मोबाइल ही हैक हो जाएगा.
साइबर ठगी का नया तरीका
साइबर एक्सपर्ट श्याम चंदेल ने बताया कि पहले ओटीपी के माध्यम से ज्यादा केस आते थे, लेकिन अब इसको लेकर सभी जागरूक हो चुके हैं तो ठगों ने नया पैंतरा शुरू किया है. यह पैंतरा को आम व्यक्ति नहीं, जो वास्तव में साइबर को दुनिया को जानता है. वह एक लिंक तैयार करते हैं. इस लिंक पर किसी भी संस्थान जैसे बैंक आधार अपडेशन, पीएम किसान योजना से जुड़े, आदि स्लग डालते हैं. इससे लोग समझते हैं कि ये इस संस्थानों से जुड़ा लिंक है. जैसे ही लिंक पर क्लिक करते हैं तो उस संस्थान से जुड़ा कोई पेज नहीं खुलता, लेकिन लिंक पर क्लिक मात्र करने से आपका मोबाइल कॉम्प्रोमाइज हो जाता है.
ठगी होने पर 1930 पर करें कॉल
श्याम चंदेल ने जागरुकता के लिए लाइव डेमोस्ट्रेशन दिया. उन्होंने लैपटॉप में डॉट एपीके फाइल बनाई और उसकी लिंक को मोबाइल में भेजा. जैसे ही मोबाइल पर क्लिक किया तो मोबाइल का कैमरा लैपटॉप में ओपन हो गया. इसी प्रकार से मोबाइल की हर वह डिटेल जो प्राइवेट होती है वह लैपटॉप में आ सकती है.
मोबाइल हैक है या नहीं, कैसे पता करें?
इसके अलावा अगर आपको देखना है कि आपका मोबाइल हैक है या नहीं, इसके लिए सेटिंग में जाए, फिर एप ऑप्शन में जाए. इसके बाद मोबाइल के सीधे हाथ को तरफ ऊपर तीन डॉट होंगे उस पर क्लिक करें. यहां परमिशन का ऑप्शन आएगा. इसमें जाकर देख सकते हैं कि आपका मोबाइल के किस फोल्डर को किस ऐप ने एक्सेस लिया हुआ है. वहां संदिग्ध लगे तो उसे बंद करें.
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