UPI के जरिये बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स से 4 करोड़ रुपये की ठगी, राजस्थान के 13 साइबर ठग तेलंगाना में गिरफ्तार

गिरोह में राजस्थान के 20-25 साल की उम्र के 13 से सदस्य शामिल थे ये सब एक गैंग बना कर काम करते थे. गैंग के कुछ लोग हैदराबाद में रह रहे थे, जबकि उनके सहयोगी राजस्थान से पूरे गैंग को चलाते थे. ठगी करके खरीदे गए खरीदे गए सामान को बेच कर उससे भी पैसा कमाते थे. 

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प्रतीकात्मक फोटो

Cyber Fraud News: तेलंगाना की शमशाबाद सीसीएस पुलिस ने साइबराबाद कमिश्नरेट की केपीएचबी पुलिस, माधापुर और नरसिंगी पुलिस की मदद से रविवार को हाई-टेक यूपीआई धोखाधड़ी करने वाले गिरोह को गिरफ्तार किया है. इस गिरोह के 13 सदस्यों को पुलिस ने धार दबोचा. यह गिरोह बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स से करीब 4.00 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने में शामिल था. पुलिस ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इनसे 1.72 लाख रुपये नकद और 50 लाख रुपये के इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त किए.

गिरोह के खिलाफ तेलंगाना में कई मामले दर्ज 

तेलंगाना के साइबराबाद, हैदराबाद और राचकोंडा आयुक्तालय के साथ-साथ प्रदेश के कई बड़े शहरों के थानों में इस तरह की साइबर ठगी के कई मामले दर्ज किये हैं. इन फ्रॉड्स में करीब 4 करोड़ रुपये की ठगी की गई है. बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स की शिकायत पर शमशाबाद सीसीएस पुलिस और केपीएचबी पुलिस, माधापुर और नरसिंगी पुलिस ने जांच शुरू की थी. पुलिस ने बताया कि राजस्थान के रहने वाले ठगों ने बजाज शोरूमों से महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदे.

राजस्थान से ऑपरटे होता था गिरोह 

पुलिस के मुताबिक गिरोह के लोग शोरूम में महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स खरीदते थे. जिसके बाद राजस्थान में बैठे गिरोह के मेंबर को शोरूम का स्कैनर भेजा जाता था. वो शोरुम के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करता था और सामान की डिलेवरी होने बाद राजस्थान के बैठा ठग बैंक में रिवर्स की कम्प्लेन कर वापस पैसे अपने अकाउंट में मंगवा लेता.  

सभी ठगों की उम्र 25 साल से कम 

गिरोह में राजस्थान के 20-25 साल की उम्र के 13 से सदस्य शामिल थे ये सब एक गैंग बना कर काम करते थे. गैंग के कुछ लोग हैदराबाद में रह रहे थे, जबकि उनके सहयोगी राजस्थान से पूरे गैंग को चलाते थे. ठगी करके खरीदे गए खरीदे गए सामान को बेच कर उससे भी पैसा कमाते थे.

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