बीजेपी नेता शंकर शर्मा ने पार्टी के इन नेताओं पर फोड़ा हार का ठीकरा, कहा- मैंने तो तन मन धन से लड़ा था

दौसा से बीजेपी (BJP) के उम्मीदवार शंकर शर्मा (Shankar Sharma) ने अपनी हार का मलाल है. उनका कहना है कि उन्होंने चुनाव तन मन धन से लड़ा था. लेकिन फिर भी उन्हें जीत हासिल नहीं हुई. अब उन्होंने अपनी ही पार्टी के कई नेताओं पर हार का ठीकरा फोड़ा है.

विज्ञापन
Read Time: 17 mins
शंकर शर्मा को दौसा सीट से लगातार दूसरी बार हार मिली है.

Dausa News: विधानसभा चुनाव 2023 में दौसा से बीजेपी (BJP) के उम्मीदवार शंकर शर्मा (Shankar Sharma) ने अपनी हार का मलाल है. उनका कहना है कि उन्होंने चुनाव तन मन धन से लड़ा था. लेकिन फिर भी उन्हें जीत हासिल नहीं हुई. अब उन्होंने अपनी ही पार्टी के कई नेताओं पर हार का ठीकरा फोड़ा है. बता दें, दौसा विधानसभा सीट पर शंकर शर्मा ने साल 2013 में जीत हासिल की थी. हालांकि, इसके बाद साल 2018 और 2023 में कांग्रेस उम्मीदवार मुरारी लाल मीणा से हार का सामना करना पड़ा है. मुरारी लाल ने शंकर शर्मा को इस बार 31204 वोटों से शिकस्त दी है. शंकर शर्मा पर बीजेपी ने 2018 में हार के बाद इस बार जीत का भरोसा जताया था. लेकिन इस बार फिर उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. ऐसे में शंकर शर्मा ने अब अपनी हार का कारण बताया है.

बीजेपी नेता शंकर शर्मा ने कहा, शीर्ष नेतृत्व द्वारा विधानसभा चुनाव 2023 में दौसा विधानसभा सीट से मुझ पर विश्वास जता कर मुझे प्रत्याशी बनाया था. क्योंकि मैंने साल 2013 से 2018 के बीच दौसा में खूब विकास के काम करवाए थे. जबकि इसके बाद भी मैं निरंतर सक्रिय रह कर क्षेत्र के मतदाताओं से सीधा संपर्क में रहा था.

शंकर शर्मा ने बताया हार का कारण

शंकर शर्मा ने बताया कि मेरे द्वारा यह चुनाव भी पूर्ण शिद्दत से तन-मन-धन, पूरी लगन, सादगी और जी जान से लड़ा गया. पार्टी ने जैसे ही मेरा टिकट कंफर्म किया ता उसी वक्त मैंने दौसा भाजपा जिलाध्यक्ष प्रभुदयाल शर्मा को साथ लेकर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ताओं व संगठन पदाधिकारियों के साथ मुलाकात की. दौसा से भाजपा के टिकिट की इच्छा रखने वाले डा. रतन तिवाडी, नीलम गुर्जर, सुरेश घोषी, पुष्पा घोषी, लोकेश शर्मा, राजकुमार जायसवाल, महेन्द्र चांदा, राजाराम मीना व राजेन्द्र सिंघा से व्यक्तिगत रूप से मिला एवं दौसा भाजपा को जिताने के लिए सहयोग करने एवं चुनाव में पूरा साथ देने व पक्ष में प्रचार करने का भी आग्रह किया था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

शंकर शर्मा ने आगे कहा कि बार-बार आग्रह के बाद भी सुरेश घोषी एवं पुष्पा घोषी पूर्व नगर पालिका चेयरमेन दौसा, लोकेश शर्मा पूर्व भाजपा जिला उपाध्यक्ष एवं ऋषभ शर्मा पूर्व पार्षद पति ने भाजपा के पक्ष में नाम मात्र को एक-दो बार दिखावे के रूप में भाजपा का प्रचार किया.

Advertisement

शंकर शर्मा ने बताया कि भाजपा प्रदेश मंत्री नीलम गुर्जर और दौसा भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. रतन तिवाडी द्वारा कांग्रेस के एजेन्ट और सक्रिय प्रतिनिधि के रूप में कांग्रेस के पक्ष में मीटिंग करना, कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में पैसे का वितरण करने के साथ-साथ नीलम गुर्जर द्वारा और रतन तिवाडी द्वारा अपने-अपने समाज में जाकर पार्टी विरोधी वातावरण बनाया. उन्होंने समाज के लोगों को संदेश दिया कि अगर वर्तमान भाजपा प्रत्याशी शंकर शर्मा दौसा से विजयी हुए तो दौसा में अपने समाज को प्रतिनिधित्व व विधायक का टिकट नहीं मिलेगा.

उन्होंने कहा जातीय वैमनस्यता फैलाने के साथ-साथ व्यक्तिगत स्तर पर गुटबाजी करते हुए भाजपा के प्रति दुष्प्रचार करने के कारण आम जनता में संदेश दिया गया कि दौसा में ना तो भाजपा का संगठन है, ना ही सामाजिक एकता और ना ही सामाजिक समरसता है.

Advertisement

यह भी पढ़ेंः राजस्थान मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले 6 विधायकों के नाम लीक! सामने आई कैबिनेट गठन की रणनीति

शंकर शर्मा ने की कार्रवाई की मांग

इस मामले पर भाजपा विधानसभा प्रत्याशी रहे शंकर शर्मा ने  शीर्ष नेतृत्व से निवेदन किया है कि दौसा विधानसभा के संगठन एवं कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा चुनाव परिणाम की समीक्षा करते हुए, पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे उपरोक्त पदाधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए.

Advertisement

यह भी पढ़ेंः लोकसभा चुनाव में उतरेंगे राजस्थान के दिग्गज कांग्रेस नेता, अशोक गहलोत और सचिन पायलट कहां से लड़ेंगे चुनाव!

Topics mentioned in this article