दौसा: बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे ग्रामीण, झालावाड़ हादसे के बाद लिया बड़ा फैसला

राजस्थान में दौसा जिले के फुलेला गांव में सरकारी स्कूल की इमारत बहुत जर्जर हालात में है. जिसके कारण अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने से मना कर दिया. साथ ही ग्रामीणों ने प्रशासन से स्कूल की मरम्मत की मांग की है.

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दौसा में परिजनों ने जर्जर स्कूल में बच्चों को भेजने से मना कर दिया.

Rajasthan News: राजस्थान में झालावाड़ जिले की घटना के बाद अब कहीं ना कहीं प्रशासन की नींद टूट गई है और जिले भर के जो अफसर है. वह अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र के अंदर स्कूलों का दौरा करते हुए नजर आ रहे हैं. इसी बीच दौसा जिले में स्कूलों की खस्ता हालत ने अभिभावकों को बड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है.

वहीं जिले के फुलेला गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की जर्जर इमारत को देखते हुए ग्रामीणों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजने से मना कर दिया है. उनका कहना है कि जब तक स्कूल की इमारत को ठीक नहीं किया जाता, तब तक बच्चे स्कूल नहीं जाएंगे.

जर्जर स्कूल से खतरे में बच्चों की जान

फुलेला के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 14 कमरों में से 10 कमरे जर्जर हालत में हैं. दीवारों में दरारें, छतों से टपकता पानी और टूटी-फूटी खिड़कियां स्कूल की बदहाली की कहानी बयां करती हैं. स्कूल में 259 बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन अभिभावकों को डर है कि कहीं कोई बड़ा हादसा न हो जाए. एनडीटीवी की रियलिटी चेक में भी स्कूल की बदतर स्थिति सामने आई है.

ग्रामीणों का सख्त रुख

अभिभावकों ने साफ कहा है कि बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि स्कूल की मरम्मत और जीर्णोद्धार जल्द से जल्द किया जाए. ग्रामीणों का कहना है कि दौसा जिले में सैकड़ों स्कूल ऐसी ही हालत में हैं, जहां पढ़ाई के नाम पर बच्चों की जान को खतरा है. 

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प्रशासन की सुस्ती पर सवाल

इस घटना ने प्रशासन को नींद से जगाया है. झालावाड़ जिले में अधिकारियों ने स्कूलों का दौरा शुरू किया है, लेकिन दौसा में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठा है. अभिभावक पूछ रहे हैं कि सरकार कब इस समस्या को गंभीरता से लेगी.

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