Rajasthan Assembly: सदन में खत्म हुआ गतिरोध, सीएम बोले- किसी को माफी मांगने की जरूरत नहीं, मैं माफी मांगता हूं

सीएम भजनलाल शर्मा से विधायकों के मुलाकात के बाद सदन के गतिरोध को खत्म करने का फैसला लिया गया. सीएम ने किसी को माफी नहीं मांगने की बात कही.

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Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा में पक्ष और विपक्ष के बीच चल रहा गतिरोध खत्म कर दिया गया है. गुरुवार को पक्ष और विपक्ष के विधायक सीएम भजनलाल शर्मा से मुलाकात की. इस बैठक के बाद गतिरोध को खत्म कर दिया गया है. सीएम भजनलाल ने अहम भूमिका निभाते हुए कहा कि कोई माफी मत मांगो मैं पूरे सदन से माफी मांगता हूं. इसके बाद सभी विधायक यह सुनते ही वहां मौजूद नेता भी पिघल गए और गतिरोध को खत्म करने का फैसला किया. वहीं गतिरोध खत्म करने को लेकर सीएम भजनलाल शर्मा ने सदन में सभी विधायकों को संबोधित किया.

सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि यह सभी विधायकों की जिम्मेदारी है कि सदन ठीक से चल सके. सदन में मर्यादित बनी रहे इसके लिए दोनों पक्षों को इसके लिए आगे आना चाहिए. सीएम ने कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि विपक्ष सदन की ताकत होती है. 

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सीएम भजनलाल ने अध्यक्ष को मनाया

सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि आपके सम्मान को भी ठेस पहुंचा है. लेकिन आपके धैर्य को सभी सदस्य मानते हैं. उस दिन तीन मिनट में सारा वाक्या हुआ. इसका सभी को ध्यान रखना चाहिए था. अध्यक्ष पद पर काफी बड़े-बड़े लोग रहे हैं. अध्यक्ष माननीय होता है और प्रमुख होता है. इसका ध्यान सभी को ध्यान रखना जरूरी है. ऐसा मेरा मानना है कि भविष्य में इसका ध्यान दोनों पक्षों की ओर से रखा जाएगा. सीएम ने अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से कहा कि बीजेपी के मंत्री ने जो टिप्पणी की है उसे रिकॉर्ड से हटाने का आग्रह करता हूं.

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विपक्ष हमारी ताकत है

सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि विपक्ष हमारी ताकत है यह पहले भी मैंने कहा है. वह हमारे कार्यों को लेकर बात करते हैं जो जरूरी है. विपक्ष के अच्छे भाषण पर उन्हें फोन कर कहता हूं कि आपने अच्छी बात कही है. इसलिए जो अच्छी बातें उसे मानना होगा. लेकिन अगर गलत कहता है तो उसे गलत भी कहना होगा.

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सीएम ने कहा, सदन चलता है तो सभी नियमों की बात करते हैं. लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि नियमों की पालना होनी चाहिए. सदन में दो तीन दिन से व्यवधान हुआ सभी ने कहा कि सदन को आगे बढ़ा देना चाहिए. लेकिन मैंने कहा कि ऐसा नहीं कर सकते. हम कई बार आवेश में आकर टिप्पणी करते हैं लेकिन यह ठीक नहीं. कुछ सहन करते हैं लेकिन कुछ लोगों से सहन नहीं होता है. लेकिन लोग अगर बड़े हैं तो उन्हें आचरण भी बदलना चाहिए. इसलिए सभी सदस्यों से कहना चाहता हूं कि ऐसे शब्द का इस्तेमाल न करें जिससे कोई आहत न हो. यह दोनों पक्ष के सदस्यों की जिम्मेदारी है. इस सदन की मर्यादा रखना सभी की जिम्मेदारी है.

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