Jodhpur News: जोधपुर जेल में फौजदारी केस में सजायाफ्ता कैदी प्रकाश की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई. उसका इलाज एजीएच में चल रहा था. लेकिन इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई. इस मामले में रातानाडा थाने में जेल प्रशासन की ओर से रिपोर्ट दी गई तो मामला सामने आया. वहीं, परिजनों का आरोप है कि जेल प्रशासन की लापरवाही से प्रकाश की मौत हुई है. जबकि 10 दिनों से प्रकाश बीमार था तो जेल प्रशासन ने इसकी सूचना परिजनों को क्यों नहीं दी. अब परिजनों की ओर से दोषियों को सजा और बच्चों के लिए मुआवजे की मांग की जा रही है.
बता दें, कैदी प्रकाश की मौत 23 दिसंबर को हुई थी. इसके बाद से परिजन अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे थे. वहीं, अब पूरे मामले पर हंगामे के बाद प्रशासन द्वारा मजिस्ट्रेट जांच कराने और उचित सरकारी मुआवजा देने का आश्वासन दिया. इसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया.
बताया जा रहा है कि मृतक के तीन बच्चे हैं जिसमें दो बेटे और एक बेटी है. उनके भरण पोषण के लिए मुआवजे की मांग की जा रही थी.
मृतक मनोज पर थे कई मामले
पुलिस ने बताया कि सिरोही जिले के रामपुरा पालड़ी निवासी 29 साल के प्रकाश पुत्र मूलाराम गवारिया पर फौजदारी सहित अन्य प्रकरण दर्ज हो रखे थे. इनमें से एक प्रकरण में उसे एक साल के साधारण कारावास की सजा हुई थी. यह प्रकरण 2015 का था. जिसमें उसे 22 सितंबर 2023 को एक साल का साधारण कारावास की सजा सुनाई गई थी. हालांकि, उसके खिलाफ वर्ष 2019 में मारपीट एवं लज्जा भंग का भी केस दर्ज था. जो न्यायालय में विचाराधीन है. जबकि एक अन्य प्रकरण में उसकी जमानत जब्त हो रखी थी.
बताया जा रहा है कि उसे सिरोही कारागार से उपाधीक्षक के पत्र क्रमांक पर सजा भुगताने के लिए 22 अक्टूबर 2023 को जोधपुर जेल में भिजवाया गया. जहां पर 12-13 दिसम्बर को उसकी तबीयत बिगडऩे पर जेल डिस्पेंसरी में भर्ती कराया गया था. लेकिन इलाज के दौरान ही 23 दिसंबर को फिर से तबीयत बिगड़ी तब उसे एमजीएच में रेफर कर दिया गया. लेकिन उसकी उपचार के बीच मौत हो गई.
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