Rajasthan Triplets: 5-5 मिनट के अंतराल में जन्मीं 3 बेटियां, 7वें महीने में हुई महिला की नॉर्मल डिलीवरी

Triplets born in Deeg: फिलहाल, तीनों बच्चियां और उनकी मां पूरी तरह से सुरक्षित हैं. भरतपुर के जनाना अस्पताल में उनकी निगरानी की जा रही है. डॉक्टर उम्मीद कर रहे हैं कि उचित देखभाल के बाद तीनों बच्चे जल्द ही पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगे.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
डीग में 15 मिनट में जन्मीं तीन बच्चियां, अस्पताल में मच गई हलचल (सांकेतिक तस्वीर)

Rajasthan News: क्या आपने कभी ऐसा सुना है कि किसी मां ने एक साथ तीन बेटियों को जन्म दिया हो, और वो भी महज पांच-पांच मिनट के अंतराल में? राजस्थान के भरतपुर जिले से अलग हुए नए डीग जिले में ऐसा ही एक चमत्कार हुआ है, जिसने पूरे इलाके को चौंका दिया है. यहां एक महिला ने एक-एक करके तीन नन्ही परियों को जन्म दिया है, जिससे न सिर्फ परिवार में बल्कि पूरे अस्पताल और गांव में खुशी का माहौल है.

7वें महीने में डिलीवरी

मामला डीग के नगर उप-जिला अस्पताल का है. शुक्रवार को कैथवाड़ा थाना क्षेत्र के गांव धौलागढ़ (धर्मशाला) की एक गर्भवती महिला मुमताज को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई. पति साहिल फौरन उसे लेकर नगर के अस्पताल पहुंचे. मुमताज का सातवां महीना चल रहा था, इसलिए यह एक प्री-मैच्योर डिलीवरी का मामला था.

महिला की हुई नॉर्मल डिलीवरी

अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर, डॉ. रविंद्र ने बताया कि मुमताज की नॉर्मल डिलीवरी कराई गई. डिलीवरी शुरू हुई और पहला बच्चा आया. डॉक्टरों और परिवार को लगा कि मामला यहीं खत्म हो गया. लेकिन, पांच मिनट बाद दूसरा बच्चा और फिर उसके पांच मिनट बाद तीसरा बच्चा बाहर आया. सब हैरान थे! एक, दो नहीं, बल्कि तीन-तीन स्वस्थ बच्चियां. हर तरफ खुशी और हैरानी का मिला-जुला माहौल था.

-------------------------------------------

मामले से जुड़े कुछ बड़े सवाल और उनके जवाब

Q1: क्या एक साथ तीन बच्चों का जन्म होना सामान्य है?
A: नहीं, एक साथ तीन बच्चों का जन्म होना (ट्रिपलेट्स) एक दुर्लभ घटना है. यह सामान्य तौर पर 8,000 में से किसी एक डिलीवरी में होता है.

Advertisement

Q2: समय से पहले जन्म (प्री-मैच्योर डिलीवरी) क्यों होती है?
A: समय से पहले प्रसव के कई कारण हो सकते हैं, जैसे मल्टीपल प्रेगनेंसी (एक से ज्यादा बच्चों का गर्भ में होना), मां की कुछ स्वास्थ्य समस्याएं या अन्य अनिश्चित कारण.

Q3: मां और बच्चों को भरतपुर क्यों रेफर किया गया?
A: चूंकि बच्चे समय से पहले पैदा हुए हैं और उनका वजन भी कम है, इसलिए उन्हें खास देखभाल की जरूरत है. भरतपुर के जनाना अस्पताल में नवजातों के लिए बेहतर सुविधाएं और विशेषज्ञ मौजूद हैं, इसलिए उन्हें वहां रेफर किया गया.

Advertisement

Q4: क्या मां और तीनों बच्चियां अभी सुरक्षित हैं?
A: जी हां, जानकारी के अनुसार, मां मुमताज और उनकी तीनों बच्चियां फिलहाल सुरक्षित हैं. उन्हें बेहतर देखभाल के लिए भरतपुर के जनाना अस्पताल में रखा गया है.

-------------------------------------------

वजन कम, लेकिन हौसले बुलंद

नन्ही परियों का जन्म तो हुआ, लेकिन वे समय से पहले पैदा हुई थीं. इसलिए उनका वजन थोड़ा कम था. पहली बेटी का वजन 1 किलो 200 ग्राम, दूसरी का 1 किलो और तीसरी का 1 किलो 100 ग्राम था. डॉ. रविंद्र ने बताया कि प्री-मैच्योर बच्चों को खास देखभाल की जरूरत होती है. इसलिए, मां मुमताज और उनकी तीनों बेटियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, उन्हें तुरंत भरतपुर के जनाना अस्पताल रेफर कर दिया गया. ऐसा इसलिए किया गया ताकि वहां बच्चों को बेहतर मेडिकल सुविधा मिल सके और किसी भी तरह की दिक्कत आने पर तुरंत इलाज हो सके.

Advertisement

खुश है परिवार, दुआएं मांग रहे हैं लोग

पति साहिल की आंखों में खुशी के आंसू हैं. साहिल ने कहा, 'यह हमारे लिए भगवान का दिया हुआ सबसे बड़ा तोहफा है.' पूरे परिवार में जश्न का माहौल है. गांव के लोग भी इस खबर से गदगद हैं और सभी मां और बच्चों की सलामती के लिए दुआएं मांग रहे हैं.

ये भी पढ़ें:- राजस्थान में मानसून फिर सक्रिय, बांधों के गेट खुले, स्कूलों में छुट्टियां; सेना बुलाई गई

यह VIDEO भी देखें