Delhi Electricity: राजस्थान से दिल्ली तक बिजली लाने का रास्ता साफ, नरेला में बनेगा बड़ा सब-स्टेशन

इस परियोजना के तहत राजस्थान से बिजली सीधे दिल्ली लाई जाएगी, जिससे शहर की बढ़ती हुई बिजली की मांग को स्थायी और विश्वसनीय तरीके से पूरा किया जा सके.

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दिल्ली की मुख्यमंत्री ने राजस्थान से बिजली लाने की परियोजना को मंजूरी दी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Rajasthan News: राष्ट्रीय राजधानी की बिजली व्यवस्था को मजबूत करने के लिए दिल्ली सरकार ने एक बड़ा और अहम कदम उठाया है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजस्थान से दिल्ली तक बिजली लाने के लिए सोमवार शाम एक महत्वाकांक्षी परियोजना को हरी झंडी दे दी है. इस परियोजना के तहत नरेला में एक सब-स्टेशन और ट्रांसमिशन लाइन का एक बड़ा नेटवर्क स्थापित किया जाएगा. इस फैसले से दिल्ली को बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी.

किसानों को मिलेगा उचित मुआवजा

दिल्ली सरकार के इस फैसले ने इस परियोजना को लेकर लंबे समय से चली आ रही एक बड़ी बाधा को दूर कर दिया है. यह परियोजना भारत सरकार की कंपनी पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (PGCIL) द्वारा लागू की जा रही है. मुख्यमंत्री गुप्ता ने एक बयान में कहा कि यह फैसला दिल्ली की बिजली व्यवस्था को सुधारने और अपनी सरकार के 'अटल ऊर्जा' मिशन को पूरा करने की दिशा में एक प्रभावी कदम है. उन्होंने बताया कि इस निर्णय से किसानों को उनके हक का उचित मुआवजा मिलेगा और परियोजना के रास्ते में आ रही सभी रुकावटें खत्म हो जाएंगी.

दिल्ली के 20 गांवों को सीधा फायदा

यह परियोजना दिल्ली के लगभग 20 गांवों (जिसमें औचंदी, हरेवली, मुंगेशपुर और कुतुबगढ़ जैसे गांव शामिल हैं) से होकर गुजरेगी. इस परियोजना के तहत राजस्थान से बिजली सीधे दिल्ली लाई जाएगी, जिससे शहर की बढ़ती हुई बिजली की मांग को स्थायी और विश्वसनीय तरीके से पूरा किया जा सके.

मुआवजे को लेकर थी अड़चन

इस परियोजना को लागू करने के लिए उन किसानों को मुआवजा दिया जाना था, जिनकी जमीन से ट्रांसमिशन लाइनें गुजरने वाली थीं. हालांकि, जमीन के मूल्यांकन और मुआवजे की दरों पर कई दौर की बातचीत के बाद भी कोई सहमति नहीं बन पाई थी, जिससे परियोजना में देरी का खतरा बढ़ गया था. मुख्यमंत्री गुप्ता ने हाल ही में PGCIL और दिल्ली सरकार के राजस्व और बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की, जिसमें इस गतिरोध को खत्म करने पर जोर दिया गया. इस बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.

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सरकार का संवेदनशील दृष्टिकोण

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस लंबे समय से चले आ रहे गतिरोध का समाधान इसलिए हुआ क्योंकि उनकी सरकार न केवल राजधानी के विकास को लेकर गंभीर है, बल्कि उसमें मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति भी है. साथ ही, किसानों और आम जनता की चिंताओं को दूर करने के लिए एक संवेदनशील दृष्टिकोण भी है.

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