जयपुर में डिलीवरी ब्वॉय बंद कर रहे ऐप, गिग वर्कर्स की हड़ताल के समर्थन में उतरे जूली

समझा जा रहा है कि ज़ोमैटो, ब्लिंकिट, फ़्लिपकार्ट, स्विगी, अमेज़ॉन और ज़ेप्टो जैसी बड़ी कंपनियों के लिए डिलीवरी करनेवाले गिग वर्कर हड़ताल में हिस्सा ले सकते हैं.

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ऑनलाइन या फ़ोन पर ऑर्डर किए गए सामानों की डिलिवरी करनेवाले गिग वर्कर्स 31 दिसंबर को पूरे देश में हड़ताल कर रहे हैं. इसकी वजह से नया साल शुरू होने के मौके पर पार्टी की तैयारियों पर असर पड़ सकता है. हड़ताल की वजह से कई शहरों में लोगों के खाने-पीने के सामानों के ऑर्डर तथा अन्य ई-कॉमर्स सेवाओं पर असर पड़ सकता है. समझा जा रहा है कि ज़ोमैटो, ब्लिंकिट, फ़्लिपकार्ट, स्विगी, अमेज़ॉन और ज़ेप्टो जैसी बड़ी कंपनियों के लिए डिलीवरी करनेवाले गिग वर्कर हड़ताल में हिस्सा ले सकते हैं. राजस्थान की राजधानी जयपुर में भी गिग वर्कर्स के हड़ताल में हिस्सा लेने की ख़बर आ रही है.

हमें कभी-कभी ट्रैफिक में जल्दबाजी करनी पड़ती है ताकि 10 मिनट की डिलीवरी गाइडलाइन पूरी हो सके, जिससे हमें कई बार दुर्घटनाओं का खतरा होता है. साथ ही, देरी होने पर हमें दंड भी भरना पड़ता है. - संतोष, गिग वर्कर

जयपुर में हड़ताल का असर

ऐसी रिपोर्ट मिल रही है कि जयपुर में गिग वर्कर्स की हड़ताल से डिलीवरी सेवाओं पर आंशिक प्रभाव पड़ने लगा है. कई वर्कर्स जो काम पर आ चुके थे, अब वे अपने ऐप्स बंद कर रहे हैं. वर्कर्स बता रहे हैं कि उन्हें अपनी एसोसिएशन से हड़ताल में हिस्सा लेने के लिए संदेश मिल रहे हैं. अधिकांश गिग वर्कर्स 10 मिनट की डिलीवरी नीति और कम मजदूरी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. वर्कर इस 10 मिनट की व्यवस्था को रद्द करने और मजदूरी को प्रति किलोमीटर 20 रुपये करने की मांग कर रहे हैं.

जयपुर के एक डिलीवरी पार्टनर संतोष ने कहा, "हमें कभी-कभी ट्रैफिक में जल्दबाजी करनी पड़ती है ताकि 10 मिनट की डिलीवरी गाइडलाइन पूरी हो सके, जिससे हमें कई बार दुर्घटनाओं का खतरा होता है. साथ ही, देरी होने पर हमें दंड भी भरना पड़ता है."

टीकाराम जूली ने किया समर्थन

गिग वर्कर्स की हड़ताल को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि वह गिग वर्कर्स की मांगों का समर्थन करते हैं और सरकार को भी उनकी मदद करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को वर्कर्स की परेशानी पर ध्यान देकर समाधान करना चाहिए. जूली ने राजस्थान की भजनलाल सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार में लोगों की परेशानियों को सुनने वाला कोई नहीं है. 

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नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा, "पिछली कांग्रेस सरकार ने गिग वर्कर्स को लेकर सबसे पहले कानून बनाया, लेकिन उस कानून को लागू नहीं किया जा रहा. मैं खुद तीन-चार पत्र मुख्यमंत्री को लिख चुका हूं."

जूली ने कहा कि भजनलाल सरकार ने बजट में घोषणा की, लेकिन इसके बावजूद इन लोगों को राहत नहीं मिल रही. जूली ने कहा कि समाज का एक बड़ा सेक्टर गिग वर्कर्स के रूप में काम कर रहा है, लेकिन उनको कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं मिल रही है.

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